NPG DESK I डेंगू एक वायरल बीमारी है जो एक खास प्रजाति के मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है क्योकिं इसमे हड्डी टूटने जैसा दर्द होता है और कई दिनो तक रहता है। यह वायरस संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से इंसानो में फैलता है,जो मुख्य रूप से एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में समान्य है।
डेंगू के कारण
डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं – डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है। लेकिन इसके और भी कारण होते हैं। जैसे….
यदि आप उन क्षेत्रों में रहते हैं, जहां एडीज मच्छरों का प्रकोप अधिक है, तो आपके डेंगू से संक्रमित होने की संभावना स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है।
जिन लोगों को एक बार डेंगू हो जाता है, उनमें इस वायरस संक्रमण से प्रतिरक्षा नहीं हो पाती है। ऐसे में जब आपको दूसरी बार डेंगू होता है, तो अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है।
जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें भी डेंगू होने की संभावन अधिक होती है। ऐसे में बुजुर्ग लोग डेंगू के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। साथ ही, मधुमेह फेफड़ों के रोग और हृदय रोग से पीड़ित लोगों में भी डेंगू होने की आशंका बढ़ जाती है।
डेंगू तब और अधिक गंभीर हो जाता है, जब पीड़ित व्यक्ति के रक्त में प्लेटलेट काउंट काफी कम होने लगता है। ऐसे में यदि आपका प्लेटलेट काउंट का स्तर पहले से ही कम है, तो दूसरों की तुलना में डेंगू से जल्दी संक्रमित हो सकते हैं।
डेंगू से बचने के उपाय
डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें।
डेंगू से बचने के लिए डाइथाइलटोलुआमाइड (डीईईटी) के कम से कम 10 प्रतिशत कंसंट्रेशन वाला रेपेलेंट प्रभावी रहता है। लंबे समय तक जोखिम हो तो फिर उच्च कंसंट्रेशन वाले रेपलेंट की आवश्यकता होती है। मच्छरों को दूर रखने के लिए आप रोजाना ऐसी क्रीम लगा सकते हैं।
जब आप किसी वायरस से संक्रमित होते हैं, तो आप अन्य बीमारियों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील हो जाते हैं। कीटाणुओं को दूर रखने के लिए सफाई करें।
एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें।
इसे के अलावा डेंगू होने पर पिएं जूस
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है। जिस बढ़ा पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। डेंगू में मरीजों को अपनी डाइट पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है। ऐसे में अगर आप प्लेटलेट्स बढ़ाना चाहते हैं तो ये जूस का सेवन कर सकते हैं। जानते हैं…
पपीता का जूस: डेंगू में पपीता का सेवन करना फायदेमंद होता है। ऐसे में अगर आप रोज पपीता का जूस पीते हैं तो प्लेटलेट्स बढ़ाना आसान हो जाता है। दरअसल इस जूस से प्लेटलेट्स काफी तेजी से बढ़ता है। बता दे पपीता के पत्तों का जूस पीने डेंगू में लाभदायक होता है। ऐसे में डेंगू के मरीज को पपीते के पत्ते का जूस पिलाना चाहिए।
नारियल पानी: नारियल पानी शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। दरअसल शरीर में खून बनने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है। बता दे डेंगू होने पर नारियल पानी पीने से शरीर में पानी की कमी पूरी होती है। साथ ही इससे प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं। इसलिए रोजाना नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं।
अनार का जूस: दरअसल अनार एक पौष्टिक फल है, जो सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। खासकर शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है। बता दे डेंगू में अनार का जूस पीने से हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ती है। साथ ही इससे रिकवरी में तेजी होती है।
गिलॉय: कोरोना के बाद से गिलॉय का सेवन बहुत ज्यादा किया जा रहा है। बता दे गिलॉय के पत्तों का जूस पीने से डेंगू में राहत मिलती है। दरस इससे इम्यूनिटी बढ़ती है और प्लेटलेट्स भी बढ़ते हैं। इसलिए डेंगू की समस्या होने पर गिलॉय का सेवन जरूर करें।
चुकंदर जूस: दरअसल चुकंदर में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। बता दे इसके सेवन से हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स में सुधार आता है। इसके अलावा डेंगू होने पर आप चुकंदर का जूस या सब्जी भी खा सकते हैं।
व्हीट ग्रास: व्हीट ग्रास का सेवन करना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। दरअसल डेंगू में व्हीट ग्रास जूस पीने से मरीज की हालत में तेजी से सुधार आता है। साथ ही गेहूं की घास से बने इस जूस को पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते हैं। इसलिए व्हीट ग्रास का सेवन डेंगू होने पर जरूर करें।