नेशन अलर्ट/राजनांदगांव.
राजनांदगांव जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) के पद पर पदस्थ रहीं श्रीमति तनुजा सलाम से जुड़े प्रकरण में एक बार फिर शिकायत करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि तनुजा सलाम प्रकरण को दबाने की कोशिश होती रही है।
जिन दिनों सलाम जिला पंचायत में बतौर सीईओ पदस्थ थीं उन दिनों उनका कार्यकाल विवादों से भरा था। यह अलग बात है कि विवाद ने सुश्री सलाम का पीछा न तो सरगुजा में छोड़ा और न ही गृह नगर दुर्ग में। तनुजा सलाम का पूरा कार्यकाल विवादित ही रहा है।
क्या था नांदगांव का मामला ?
जिला पंचायत राजनांदगांव की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहीं श्रीमति तनुजा सलाम के खिलाफ लेटर बम फूट गया था। स्थानांतरण होते ही जिला पंचायत राजनांदगांव के अधिकारी कर्मचारी के नाम से यह बम फोड़ा गया है।
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श्रीमति सलाम का स्थानांतरण राजनांदगांव से सरगुजा अपर कलेक्टर के पद पर किया गया था। स्थानांतरित होने के बाद श्रीमति सलाम नए तरह की विवादों में घिर गई थी। उन पर कुल जमा 28 बिंदुओं पर आरोप लगाए गए थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें किन्हीं सौरभ लुनिया नामक व्यक्ति का नाम बार बार आया है।
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सौरभ लुनिया पर बगैर किसी बजट के जिला पंचायत राजनांदगांव की समस्त शाखाओं में फनीर्चर, कंप्यूटर, स्टेशनरी सामग्री की आपूर्ति किए जाने का आरोप लगा था। पत्र में लिखा गया था कि यह सारे कार्य श्रीमति तनुजा सलाम के इशारे पर किए गए थे।
श्रीमति सलाम के पास 3 वाहन उपलब्ध बताए गए हैं जिस पर शासकीय भ्रमण नहीं करने पर भी एक दो दिनों के अंतराल में 40-50 लीटर डीजल डलवाया जाते रहा। लॉकबुक भी संधारित नहीं की गई थी। डीजल का भुगतान स्टोर शाखा, एनआरएलएम, स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना मद से किए जाते रहा था।
इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर भी लंबी-चौड़ी शिकायत की गई थी। श्रीमति सलाम से उनका पक्ष जानने नेशन अलर्ट ने संपर्क स्थापित किया था लेकिन उनके द्वारा मोबाइल पर की गई कॉल रिसीव नहीं किए जाने के चलते बात नहीं हो पाई।