बिलापुर—पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा नफरत की राजनीति से नफरत किया। भारतीय संस्कृति का सम्मान ही बढ़ाया। लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री की राजनीति ने देश को नफरत की आग में झोंक दिया है। जबकि भारत में नफरत की राजनीति करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति को अपमानित किया है।
प्रेस नोट जारी कर पूर्व विधायक कांग्रेस नेता शैलेष पाण्डेय ने भाजपा और प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। शैलेष पाण्डेय ने कहा कि दशकों से देख रहे हैं कि पाकिस्तान में जो भी सरकार बनती है..वह बदले और नफरत की भावना से काम करती है। अपनी ही पिछली सरकार को बर्बरता के साथ बदला लेती है। पाकिस्तान में तानाशाही का ही मतलब लोकतंत्र हो गय है। अब वही काम भारत में भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति बिलकुल पाकिस्तानी तानाशाहों की ही तरह है। लगता है कि उन्होने पाकिस्तान को अपना गुरू बना लिया है।
शैलेष ने बताया कि मोदी को आपातकाल थी तो पहली बार प्रधानमंत्री बनने के साथ बड़ा कदम उठाते। लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया। क्योंकि उस समय सफलता की पींगे मार रहे थे। जैसे ही लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा तो उन्हें लोकतंत्र की चिन्ता सताने लगी। एक बार फिर उन्होने जनता को बरगलाने के लिए पानी में तलवारबाजी करना शुरू कर दिया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की राजानिती को शुचिता का पर्याय माना जाता है। लेकिन आज भाजपा की राजनीति की तस्वीर ही अलग है। प्रधानमंत्री को राजनीति में शुचिता पसंद नहीं है। उन्हें तो पाकिस्तान की दहशत वाली राजनीति को आत्मसात कर लिया है। इसके अलावा भारतीय लोकतंत्र को हाइजैक कर लिया है।
हालही आरएसएस प्रमुख भागवत ने लोकसभा चुनाव के परिणाम बाद जनप्रतिनिधियों को अहंकार नहीं करने को कहा। सभी लोगों को मालूम है कि भागवत यह बयान किसके लिए दिया। बीजेपी अध्यक्ष नाड्डा ने तो खुलेआम कहा कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। भागवत के नसीहत के बाद बी मोदी और शाह का अहंकार कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
पाण्डेय के अनुसार मोदी और शाह की जोड़ी ने देश के बलिदानियों और पूर्वजों का अपमान किया है। दोनो नेता जब तब बयान देकर बलिदानियों को नीचा दिखाने का काम किया है। मोदी ने लोकसभा में चार सौ पार का नारा दिया। जब जनता ने मन माफ़िक़ परिणाम नहीं दिया तो दोनो नेताओं ने लोकतंत्र को तार तार करना शुरू कर दिया है।