राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों में कुश्ती महासंघ के प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दे रहे पहलवानों को एक खराब दुर्दशा का सामना करना पड़ रहा है।
वरिष्ठ वकील सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “विरोध कर रहे पहलवानों की दुर्दशा: एक नाबालिग, 6 अन्य पीड़ित, एक निडर आरोपी, एक मूक PMO, कोई गिरफ्तारी नहीं। एक लचीला जांच?”
दरअसल, सात महिला पहलवानों द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के घंटों बाद एफआईआर दायर की गई। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की शीर्ष अदालत की पीठ को बताया कि शुक्रवार को मामला दर्ज किया जाएगा।
दो मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी, वहीं दूसरी महिलाओं की मर्यादा भंग करने से संबंधित थी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से देश का नाम रोशन करने वाले कई पहलवान जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि सरकार बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाले एक निरीक्षण पैनल के निष्कर्षों को सार्वजनिक करें।
पहलवानों ने जोर देकर कहा है कि जब तक सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे विरोध स्थल नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने पिछले रविवार को अपना धरना फिर से शुरू किया और उसी समय से मांग कर रहे हैं कि आरोपों की जांच करने वाले पैनल के निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाए।
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