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धुर्वाकारी केन्द्र में करो़ड़ों का घोटाला…मात्र 2 घंटे में 286 किसानों ने तौलाया धान..रिपोर्ट से खुलासा…इस अधिकारी की मिलीभगत

बिलासपुर— मस्तूरी जनपद पंचायत स्थित धुर्वाकारी सोसायटी में धान खरीदी के दौरान कई टन धान का घोटाला होना सामने आया है। करीब दो महीने पहले जांच रिपोर्ट पेश किये जाने के बाद भी अब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि धान खरीदी के दौरान केन्द्र मे करोड़ों रूपयों का धान तौला घोटाला हुआ है। बावजूद इसके अभी तक सीधे तौर में घोटाला में शामिल सहकारिता विस्तार अधिकारी खिलाफ प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया है। इस बात को लेकर अब मस्तूरी ही नहीं बल्कि बिलासपुर प्रशासनिक हलके में जमकर चर्चा है। आखिर सहायक विस्तार अधिकारी को बचाया क्यों जा रहा है।

निर्देशों की उड़ाई गयी धज्जियां

जानकारी के अनुसार 2023-24 में धान उपार्जन केंद्रो में सुचारू व्यवस्था बनाये रखने कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया कि धान खरीदी केन्द्रों में पारदर्शी तरीके से धान खरीदी की व्यवस्था की जाए। इसी क्रम में मस्तूरी में भी बैठक का आयोजन किया गया।  धान खरीदी से जुड़े अमलों को बुलाया गया। बैठक में सहकारिता विस्तार अधिकारी को भी धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त संख्या में इलेक्ट्रानिक तौल कांटा लगाने के अलावा सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया। धान के बोरियों की स्टैकिंग, कैप कवर, हमालों के माध्यम से किये जा रहे काम काज की निगरानी का निर्देश दिया गया।

धुर्वाकारी में धान खरीदी घोटाला

सूत्रों के अनुसार मस्तूरी प्रशासन ने लगातार मिल रही शिकायत के बाद 30 जनवरी को धुर्वाकारी धान खरीदी केन्द्र में धावा बोला। मौके पर दोपहर करीब 2:30 से 3 बजे के बीच केन्द्र में 40 किसान धान विक्रय करने पहुंचे। टीम ने संख्या नोट भी किया। इस दौरान केन्द्र परिसर में 20 किसान नजर आए। लेकिन 5 बजे यानी ठीक धान खरीदी केन्द्र बन्द होने के दौरान 286 कृषकों ने धान विक्रय करना बताया गया।

नामुमकिन को किया मुमकिन

सूत्र के अनुसार रिपोर्ट में मस्तूरी प्रशासन ने बताया है कि इस तरह मात्र 2 घंटे के दौरान 40 के मुकाबले 246 किसानों ने धान बेचा है। यह अपने आप में असंभव काम है। यह जानते हुए भी कि केवल 25 हमालों और 5 तराजू के सहयोग से मात्र दो घंटे के अन्दर लाखों क्विंटल धान की तौल,लोड़िंग,अनलोडिंग,धान की पलटी करना नामुमिन है। इससे जाहिर होता है कि धुर्वाकारी स्थित धान खरीदी केन्द्र में लाखों रूपयों का धान घोटाल हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस घोटाले में सहकारिता विस्तार अधिकारी मस्तूरी की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। सूत्र ने यह भी बताया कि धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान सहकारिता विस्तार अधिकारी किसी भी खरीदी केंद्र का प्रतिवेदन स्थानीय प्राससन को नहीं दिया है।

क्रियान्यवय में भारी लापरवाही

इसी तरह सहकारिता विस्तार अधिकारी को धान खरीदी केंद्र सोन से धान के उठाव समेत डीओ के अलावा केन्द्र  से जुड़ी गतिविधियों को लेकर जानकारी मांगी गयी थी। बावजूद इसके उन्होने रिपोर्ट पेश किए जाने तक नहीं दिया है। इसके अलावा12 मार्च को ग्राम भदौरा में कृषक उन्नति योजना संबंधित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सहकारिता विस्तार अधिकारी को शासन की योजनाओं के बारे में किसानों को बताना था। लेकिन वह बहुत देर से आयी। और बिना योजना की जानकारी लिए किसानों और हितग्राहियों को कार्यक्रम से लौटना पड़ा है।

अधिकारी पर गंभीर आरोप

 इससे यह जाहिर होता है कि अधिकारी को राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर कहीं से भी गंभीर नहीं है। अधिकारी का मस्तूरी क्षेत्र के समिति प्रबंधको के साथ संलिप्तता है। शासन की धान खरीदी योजना समेत अन्य हितकारी योजनाओं का अधिकारी ने मजाक बनाकर रख दिया है। धान खरीदी में लाखों करोड़ों रूपयों का घोटाला हुआ है। प्रबंधकों के साथ संलिप्तता के कारण ही धुर्वाकारी धान खरीदी केन्द्र में लाखों क्विंटल धान बाहर का खरीदा गया है।

रिपोर्ट पर कुण्डली मारकर बैठे

जानकारी देते चलें कि रिपोर्ट करीब तीन महीने पहले जिला प्रशासन के हवाले किया गया है। आज तक सहायक विस्तार अधिकारी के खिलाफ अधिकारियों ने एक्शन नहीं लिया है। यह जानते हुए भी सोसायटी अधिकारी का प्रबंधकों के साथ वित्तीय सांठ गांठ है। शासन की योजनाओं को लेकर गंभीर भी नहीं है। बावजूद इसके किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई का नहीं होना संदेह पैदा करता है। इसकी चर्चा अब मस्तूरी की गलियों से लेकर बिलासपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों मे भी है।

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