पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति अमन चौधरी पर आधारित बैंच ने पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ-साथ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एन.सी.बी.) को नोटिस जारी किया है।
बैंच ने कहा कि कोर्ट एक समाचार पत्र में प्रकाशित विवरण पर स्वत: संज्ञान ले रहा है, जिसमें यह बताया गया है कि सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) ने नशा तस्करी के चलते सीमा पर बढ़ रहे खतरे पर चिंता जताई है। मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए बी.एस.एफ. ने पंजाब पुलिस को 75 लोगों की सूची दी है, जिन पर मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने का संदेह है। बी.एस.एफ. की रिपोर्ट के बाद उठाए जा रहे कदमों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में हुई नशीले पदार्थों की रिकवरी और राइफल और पिस्तौल जैसे हथियारों की बरामदगी का विवरण भी दिया गया है।
बताया गया है कि 755 कि.ग्रा. नशीले पदार्थों को जब्त किया गया है जोकि सीमा पर ड्रोन के जरिए गिराई गई थी। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा राज्यों को बी.एस.एफ. द्वारा उसे दी गई रिपोर्ट के अनुसरण में उठाए जा रहे कदमों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं। एन.सी.बी. को पंजाब और हरियाणा राज्यों में नशीली दवाओं की लत से पीड़ित व्यक्तियों का विवरण देते हुए स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा को यह विवरण देने का निर्देश दिया कि उन व्यक्तियों को नशे से मुक्त करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं, जो आज तक नशीली दवाओं के आदी नहीं हैं। उन्हें नशीली दवाओं के खतरे के बारे में जागरूक करने और उसके सेवन से कैसे रोका जाना चाहिए।
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