नेशन अलर्ट/कोंडागांव.
प्रधान पाठक पर पदोन्नत हुए सहायक शिक्षक जब तक मिठाई बांट पाते तब तक पदोन्नति आदेश ही रद्द हो गया। दरअसल, शिक्षा संचालनालय ने विसंगतियों को देखते हुए कड़ा रूख अपनाया था। इसी कड़ाई के चलते 470 शिक्षकों की पदोन्नति का आदेश 3 अक्टूबर को निरस्त कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर को एक आदेश जारी हुआ था। यह आदेश प्रधानपाठक पद पर सहायक शिक्षकों की पदोन्नति से जुड़ा हुआ था। बस्तर का ऐसा पहला जिला कोंडागांव था जहां इस तरह का आदेश जारी हुआ था। आदेश 470 शिक्षकों की पदोन्नति से जुड़ा था।
क्यूं निरस्त हुआ ?
आदेश जारी होते ही इस पर किंतु परंतु होने लगा था। आदेश 28 सितंबर को जारी हुआ था जबकि निरस्तीकरण आदेश 3 अक्टूबर को जारी हुआ है। मतलब 6 दिन के भीतर पदोन्नति सूची पर इस हद तक बवाल मचा कि संचालनालय लोक शिक्षण विभाग हरकत में आया। वहां से स्पष्ट निर्देश दिए गए कि पदोन्नति आदेश निरस्त कर दिए जाएं।
डीपीआई के तेवर को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने भी आगे बढ़ने का निर्णय छोड़ दिया। उन्होंने विसंगतियों से भरी सूची को ही निरस्त करने में अपनी भलाई समझी। जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से 3 अक्टूबर को जारी हुआ निरस्तीकरण आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। बताया जाता है कि 7 फरवरी 2022 के लोक शिक्षण संचालनालय के एक आदेश का शत प्रतिशत पालन नहीं हो पाया था इसकारण पदोन्नति निरस्त की गई है।