बिलासपुर— रायगढ़ घराने के दिग्गज कथक गुरू रामलाल बरेठ आज दिल्ली से राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री लेने के बाद सीधे अपने शहर बिलासपुर पहुंचे। पद्मश्री बरेठ का शहर का आम और खास सभी ने स्वागत किया। लेकिन प्रशासन से चूक हो गयी। या फिर आचार संहिता का पालन करता रह गया। क्योंकि बरेठ का सम्मान करने प्रशासन का एक भी कारिंदा नहीं पहुंचा।
इस बात को लेकर लोगों में जमकर चर्चा है। सीजीवाल से बातचीत के दौरान बरेठ ने बताया कि पद्मश्री पाकर उनका जीवन धन्य हुआ। खुशी इस बात की है कि अब तक उन्हें तीन राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर मिला है। सीजीवाल से पद्मश्री बरेठ की पत्नी और पुत्र कथक गुरू भूपेन्द्र बरेठ ने राष्ट्रपति भवन के दरबार में आयोजित पद्म सम्मान का आंखों देखा हाल भी साझा किया।
पद्मश्री रामलाल बरेठ ने बातचीत के दौरान बताया कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पदश्री पाकर धन्य महसूस कर रहे हैं। बरेठ ने बताया कि सम्मान कार्यक्रम के दौरान फिल्म अभिनेत्री बैजयंती माला बाली, फिल्म स्टार चिरंजीवी और स्टार पुत्र रामचरण तेजा भी पद्म अवार्ड लेने पहुंचे थे। कथक गुरू ने बताया कि अन्ततः उन्हें मेहनत का परिणाम मिल ही गया। दरबार हाल में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति उनके पास आयी। उन्होने घर का हालचाल और कला साधना के बारे में पूछा।
बरेठ ने सीजीवाल से बातचीत के दौरान अमिताभ बच्चन का भी जिक्र किया। उन्होने बताया कि एक मुलाकात में बच्चन ने कहा कि हम लोग तो सिर्फ अभिनय करते हैं। आप लोग साधक और तपस्वी हैं। बरेठ ने बताया कि अमिताभ बच्चन बहुत बडी हस्ती हैं।
इस दौरान पद्मश्री बरेठ के पुत्र कथक गुरू भूपेन्द्र बरेठ ने दरबार हाल का आंखों देखा हाल सुनाया। कथक गुरू ने कहा कि हम लोग आठ मई को नई दिल्ली पहुंचे। एक दिन पहले तक हमें पुरस्कार लेने का तौर तरीका बताया गया। कई बार रिहर्सल हुआ। इस दौरान सरकार ने खान पीन से लेकर सभी बातों का ध्यान रखा। जब पिता जी पद्म अवार्ड ले रहे थे…उस पल का अनुभव शब्दों से परे है। पल का बयान करना नामुमकिन है।
भूपेन्द्र बरेठ ने कहा कि आंखें भर आयी थीं। इस दौारन देश के नामचीन हस्तियां दरबार हाल में मौजूद थीं। रामचरण तेजा, चिरंजीवी, वैजयंत्री माला देश के गृहमंत्री अमित शाह समेत अन्य लोग भी मौजूद थी। कार्यक्रम के अन्त में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने नजदीक आकर हाल चाल पूछा। खाने पीने का भी जिक्र किया।
पद्मश्री रामलाल बरेठ की पत्नी ने दरबार हाल और सम्मान की घड़ी का जिक्र कर भावुक हो गयी। उन्होने कहा कि इस पल को कभी नहीं भूलेंगी। बातों ही बातों में श्रीमती बरेठ ने कहा कि बैजयंती बाला को जानती हूं। दरबार हाल में देखते ही पहचान गयी। वह फिल्म काम करती हैं। हंसी ठिठोली के बीच उन्होने बातचीत का जमकर आनन्द लिया।