बिलासपुर— छत्तीसगढ़ में विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार पर कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है। करारी हार के कारणों का पता लगाने केंद्रीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी आज राजधानी रायपुर पहुंची। शनिवार को कमेटी के चैयरमैन वीरप्पा मोईली बिलासपुर पहुंच रहे हैं। कमेटी स्थानीय नेताओं के साथ बैठक कर हार के कारणों का पता लगाएंगे। जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर बिलासपुर संभाग की कोरबा सीट से कांग्रेस की जीत का कारण क्या है। और अन्य लोकसभा सीट से हारने की वजह क्या है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत सरकार के पूर्व पेट्रोलियम मंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली शनिवार को लोकसभा में मिली करारी हार का पता लगाने बिलासपुर पहुंच रहे हैं। केन्द्रीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चैयरमैन मोइली शुक्रवार को रायपुर में नेताओं के साथ बैठक कर हार के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया है।
बताते चलें कि न्यायधानी प्रवास के दौरान वीरप्पा मोइली एक दिन बिलासपुर में ठहरेंगे। इस दौरान सभी स्थानीय नेताओं से संवाद करेंगे। बैठक में बिलासपुर संभाग समेत अंबिकापुर संभाग के भी नेता मौजूद रहेंगे।
जानकारी देते चलें कि बिलासपुर लोकसभा समेत संभाग के कोरबा लोकसभा सीट छोड़कर सभी सीटों पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कोरबा से ज्योत्सना महंत ने भाजपा नेत्री सरोज पाण्डेय को हराकर पार्टी की नाक को बचाया है।
निगम क्षेत्र में 98 हजार मतों से हार
बताते चलें कि बिलासपुर लोकसभा में कांग्रेस की स्थित बहुत दयनीय रही। भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी को करीब एक लाख 64 हजार से अधिक मतों से हराया है। लोकसभा क्षेत्र के सभी आठ विधानसभा में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। मस्तूरी और लोरमी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस थोड़ी मजबूत नजर तो आयी लेकिन यहां भी हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा निगम क्षेत्र के विधानसभा में कांग्रेस को 98 हजार से अधिक मतों से हार मिली है। जबकि निगम में कांग्रेस पार्षदों का दबदबा है। और मेयर भी कांग्रेस पार्टी से हैं।
सभी विधानसभा में कांग्रेस पीछे
बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को गहरा झटका लगा है। चुनाव के पहले कयास लगाया जा रहा था कि मस्तूरी और कोटा विधानसभा में कांग्रेस को बढ़त मिलेगी। क्योंकि कोटा और मस्तूरी विधानसभा के विधायक कांग्रेसी हैं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हां..इन दोनों विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को थोड़ा कम झटका लगा है। जबकि नगर निगम क्षेत्र से करीब 98 हजार से अधिक रिकार्ड मतों से भाजपा को जीत मिली है।
बिलासपुर लोकसभा चुनाव परिणाम के अनुसार तोखन साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी देवेन्द्र यादव को बिलासपुर विधानसभा में ही 52 हजार 432 मतों से हराया है। बेलतरा में भाजपा प्रत्याशी ने 30802 मतों जीत हासिल किया है। कोटा विधानसभ में देवेन्द्र यादव को 15286 मतों से हार मिली है। तखतपुर विधानसभा में भाजपा को 21856 मतों की बढ़त मिली है। मुंगेली विधानसभा में देवेन्द्र यादव 20 हजार 12 मतों से पीछे रहे। लोरमी में तोखन को मात्र 487 मतों की मतों बढ़त मिली। मस्तूरी में 1404 और बिल्हा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को 21563 मतों से हार का सामना करना पड़ा है।
निगम क्षेत्र में पांच विधासभा क्षेत्र
सबसे बड़ी बात की बिलासपुर निगम क्षेत्र में बिलासपुर विधानसभा के अलावा बिल्हा,मस्तूरी,बेलतरा और तखतपुर विधानसभा क्षेत्र का कुछ हिस्सा आता है। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी देवेन्द्र यादव को कुल 98 हजार से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा है।
देखते है कि वीरप्पा मोइली के सवालों का जवाब अब गुटबाजी में विश्वास रखने वाले कांग्रेस नेता क्या देते हैं। कुछ कांग्रेस नेताओं ने बताया कि बताने और छिपाने लायक कुछ नहीं है। बेहतर होगा कि वीरप्पा मोईली इस बात का पता लगाएं कि कोरबा लोकसभा में कांग्रेस की जीत क्यों हुई।