प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर लोगों को बधाई दी और कहा कि रामलला अब तंबू में नहीं रहेंगे, वह भव्य मंदिर में रहेंगे। इस शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। सदियों के बलिदान के बाद भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। सदियों के अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत त्याग, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आए हैं। अयोध्या मंदिर में रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित किया। आइए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में क्या-क्या महत्वपूर्ण बातें कही…
पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
पीएम मोदी ने कहा कि मैं अभी गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूं। कितना कुछ कहने को है, लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है, चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है।
पीएम ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था। निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है। आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र, अतीत के हर दंश से हौसला लेता हुआ राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं, स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं, पूरा देश आज दीपावली मना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। राम भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हुए हैं। हम भारत में कहीं भी किसी की अंतरात्मा को छुएंगे तो इस एकत्व की अनुभूति होगी और यही भाव सब जगह मिलेगा। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी-अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। ये रामरस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राचीनकाल से भारत के हर कोने के लोग रामरस का आचमन करते रहे हैं। राम कथा असीम है और रामायण भी अनंत है। राम के आदर्श, मूल्य और शिक्षाएं सब जगह एक समान है। आज इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनके कार्य और समर्पण की वजह से आज हम ये शुभ दिन देख रहे हैं। राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा करके दिखाई है। उन अनगिनत रामभक्तों के, उन अनगिनत कारसेवकों के और उन अनगिनत…
पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये अवसर उत्सव का क्षण तो है ही, लेकिन इसके साथ ही ये क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का भी क्षण है। हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, बल्कि विनय का भी है। वो भी एक समय था जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। ये निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आज उन लोगों से आह्वान करूंगा, आइए आप महसूस कीजिये अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए। राम आग नहीं है, राम ऊर्जा है। राम विवाद नहीं, राम समाधान है। राम सिर्फ हमारे नहीं, राम तो सबके हैं। आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हजार वर्ष बाद की पीढ़ी राष्ट्रनिर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी। इसलिए मैं कहता हूं – यही समय है, सही समय है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भारत के उत्कर्ष का, भारत के उदय का। ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भव्य भारत के अभ्युदय का, विकसित भारत का। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु श्रीराम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से बना।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का प्रतीक है। ये निर्माण आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है। ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है।
राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं,
राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं,
राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का…
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