बिलासपुर— जूना बिलासपुर स्थित खसरा नम्बर 12 पर काबिज मामले में कोर्ट ने अमित नीतिन और रौनक की पुनरीक्षण याचिका कबूल कर लिया है। जिला सत्र न्यायालय को वकील ने बताया कि अधीनस्थ न्यायालय में सनवाई के दौरान जमीन संबधि दस्तावेजों की बिना छानबीन फैसला हुआ है। फैसले ऐसे प्रमाण पर दिया गया जिसका ना तो कानूनी औचित्य है और ना ही व्यवहारिक रूप से ठीक है। याचिका कर्ता के पास पूर्वजों से मिले वसीयत,दानपत्र के अलावा रजिस्ट्री और नामांतरण का पर्याप्त दस्तावेज है। बावजूद इसके कोर्ट ने इस पर ने गौर नहीं किया। इसलिए मामले में सुने जाने की जरूरत है। प्रकरण में याचियाकर्ता की पुस्तैनी जमीन हड़पने की साजिश रची गयी है।
जूना बिलासपुर स्थित खसरा नम्बर 12 जमीन का मालिकाना हक को लेकर राजेन्द्र साव समेत अमित नितिन और रौनक साव ने अपने वकील जेपी कौशिक के माध्यम से जिला सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका पेश किया। वकील कौशिक ने षष्टव अपर सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में याचिकाकर्ता का तर्क पेश किया।
वकील ने बताया कि एसडीएम कोर्ट ने उमाशशि साव के स्थगन आदेश हटाते हुए 31 अक्टूबर 2015 को अमित, नीतिन और गौरव के पक्ष में पटवारी रिपोर्ट और छानबीन के बाद फैसला सुनाया। मामले में उमाशशि ने अधीनस्थ न्यायालय के सामने अपना तर्क रखा। कोर्ट ने तर्क पर मुहर लगाया। इसके बाद याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय के आदेश को रोकते हुए एडीएम कोर्ट के सामने पेश होने को कहा। यहां कोर्ट ने दस्तावेजों की सत्यता जाने बिना उमाशशि साव के पक्ष में फैसला सुनाया।
वकील षष्ठम अपर न्यायाधीश को बताया कि सुनवाई के दौरान गंभीर चूक हुई है। जबकि याचिकाकर्ता के पास जमीन के मालिकाना को लेकर पर्याप्त दस्तावेज है। यह जानते हुए भी कि विपक्षी पार्टी के पास ना तो रजिस्ट्री है और ना ही नामांतरण या वसीयत के दस्तावेज ही है। सिर्फ संपत्ति कर रशीद के आधार पर उमा शशि के पक्ष मे फैसला सुनाया गया। जबकि निगम ने इस तर्क को दरकिनार कर जमीन पर नीतिन, अमित और रौनक साव का कब्जा माना है। कोर्ट को वकील ने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता के पास कई प्रमाण है…जिसे अधीनस्थ कोर्ट ने तवज्जो नहीं दिया है।
साव बन्दुओं की याचिका को कबूल करते हुए सत्र न्यायाधीश ने जमीन की स्थिति को यथास्थिति बनाकर रखने को कहा है। मामले में वकील ने बताया कि अब अगले सप्ताह सुनवाई होगी। कोर्ट की तरफ से सभी को हाजिर होने को कहा गया है। मामले मे याचिकाकर्ता रौनक साव ने कहा कि उन्हें कोर्ट की गतिविधियों या फिर दूसरी पार्टी को लेकर कुछ नहीं बोलना है।