जगदलपुर | संवाददाताः छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग ने सारी तैयारी पूरी कर ली है. 11 फरवरी को नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान होना है और तीन चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है.
नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू है. साथ ही कुछ दिनों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए भी नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनाव संपन्न कराना निर्वाचन आयोग के लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है.
वहीं पिछले कुछ सालों से जिले के अंदरूनी गांवो में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नक्सलियों द्वारा हत्या किये जाने के बाद से इस बार चुनाव प्रचार को लेकर बस्तर पुलिस ने इन जनप्रतिनिधियों के लिए गाईडलाइन जारी की है.
साथ ही नक्सलियों द्वारा सबसे ज्यादा भाजपा पार्टी से जुड़े जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाए जाने से बस्तर पुलिस ने इन नेताओं को खास सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में नक्सली हमेशा से ही चुनाव का बहिष्कार करते आ रहे हैं और चुनाव के दौरान बड़ी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं.
वहीं पिछले कुछ सालों से बस्तर संभाग के अलग – अलग जिलों में लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियों की हत्या किए जाने से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों में डर भी बना हुआ है.
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से नक्सलियों के टारगेट में रहने वाले भाजपा के जनप्रतिनिधियों को X और Y श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई है.
लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान अंदरूनी इलाकों में जाने के लिए बस्तर पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों के लिए नई गाईडलाइन जारी की है, ताकि नक्सली किसी भी तरह की वारदात या हिंसा को अंजाम न दे पायें.
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर संभाग में लोकसभा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से निपटने के बाद पंचायत चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान पूरी तरह से सतर्क हैं.
हालांकि चुनाव को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि और पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए खास सतर्कता बरती जा रही है.
पिछले कुछ सालों में नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम ने चुनाव प्रचार के दौरान कुछ भाजपा नेताओं के अलावा कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों की भी हत्या की है.
ऐसे में पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए संबंधित थाना और पुलिस कैम्प ,चौकी को पूरी तरह से अलर्ट रहने के निर्देश जारी किये गए हैं.
अंदरूनी इलाकों में चुनावी प्रचार-प्रसार में जाने वाले प्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए बस्तर पुलिस की ओर से गाईडलाइन जारी की गयी है. ऐसे इलाकों में जहां नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम के आने की संभावना रहती है, उन जगहों में संबंधित थाना और पुलिस चौकी को बिना जानकारी दिए ना जाएं.
इसके अलावा शाम होने के बाद इन इलाकों में चुनाव प्रचार ना करें.
जिन भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को सरकार की ओर से सुरक्षा गार्ड मुहैया कराया गया है, उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान अपने साथ ले जाएं.
संबंधित थाना या पुलिस चौकी की टीम के चुनाव प्रचार स्थल पर पहुंचने के बाद ही जनप्रतिनिधि वहां पहुंचे.
इसके अलावा जनप्रतिनिधियों को प्रचार स्थल पुलिस की फॉलोअप टीम के साथ पहुंचने हेतु गाईडलाइन जारी की गयी है.
आईजी का कहना है कि इसके अलावा भी जनप्रतिनिधियों के लिए कुछ और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.
गौरतलब है कि पिछले 2 सालों में बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में एक दर्जन से भी ज्यादा भाजपा और कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधियों की नक्सलियों ने हत्या की है.
जिसमें सबसे ज्यादा भाजपा नेताओं को नक्सलियों ने निशाना बनाया है. नक्सलियों ने इनमें से कई जनप्रतिनिधियों को चुनाव प्रचार के दौरान ही मौत के घाट उतारा है.
ऐसे में इन जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए बस्तर पुलिस पूरी तरह से सावधानी बरत रही है. साथ ही उनके लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर रही है.
बस्तर आईजी का यह भी कहना है कि इन जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा और चुनावी सभा स्थल के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ-साथ पैरामिलिट्री फोर्स की भी मदद ली जा रही है, ताकि नक्सली चुनाव के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम ना दे सकें.
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