नई दिल्ली | डेस्क: बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के दंत मंजन में नॉनवेज के उपयोग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है. इस मामले में केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया गया है.
याचिककर्ता एडवोकेट यतिन शर्मा ने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद अपने दिव्य दंत मंजन में समुद्र फेन यानी कटलफिश नाम का मांसाहारी पदार्थ यूज करती है.
कटलफिश या कटल , सेपिना उपवर्ग के समुद्री मोलस्क हैं. वे सेफलोपोडा वर्ग से संबंधित हैं जिसमें स्क्विड , ऑक्टोपस और नॉटिलस भी शामिल हैं. कटलफिश में एक अनोखा आंतरिक खोल होता है , जिसे कटलबोन कहते हैं, जिसका उपयोग उछाल को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. इसके मरने के बाद इसकी हड्डी समुद्र के ऊपरी हिस्से में तैरने लगती है. यह समुद्री झाग की तरह नज़र आती है.
याचिका में कहा गया है कि कटलफिश नामक मांसाहारी पदार्थ का उपयोग करने के बाद भी इस दंत मंजन पर मांसाहारी पदार्थ को उपयोग करने वाला चिन्ह अंकित नहीं किया गया है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि उनका परिवार शाकाहारी है. अब तक वे इसे शाकाहारी मान कर उपयोग कर रहे थे. इस दंत मंजन के उपयोग से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं.
इस याचिका को स्वीकार करते हुए जस्टिस संजीव नरूला ने केंद्र सरकार, पतंजलि, दिव्य फार्मेसी, बाबा रामदेव को को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.
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