भोपाल|डेस्कः मध्यप्रदेश में बीएड की योग्यता के आधार पर नौकरी कर रहे प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों की नियुक्तियां खतरे में हैं.
राज्य सरकार ने ऐसे सभी बीएड शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का फैसला किया है.
इसके लिए लोक शिक्षण संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिया है.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे शिक्षकों की संख्या पांच सौ से अधिक है.
मध्य प्रदेश सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों के भर्ती से जुड़े नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया है.
कोर्ट और सरकार दोनों का मानना है कि प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए बीएड की जगह डीएड होना जरूरी है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने साल 2018 में एक अधिसूचना जारी कर बीएड धारकों को प्राथमिक शिक्षकों के रूप में भर्ती करने की अनुमति दी थी, जिसका जमकर विरोध हुआ था.
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को प्राथमिक शिक्षक की व्यवसायिक योग्यता बीएड से संबंधित एक आदेश पारित कर कहा था कि बीएड योग्यता वाले उम्मीदवार प्राइमरी शिक्षक बनने के पात्र नहीं होंगे.
इसी निर्णय के आधार पर जबलपुर हाईकोर्ट ने 3 मई 2024 को आदेश जारी कर राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करने कहा है. इस पर राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सभी बीएड योग्यताधारी प्राथमिक शिक्षकों की सूची तैयार करें और उनकी नियुक्ति एक सप्ताह के अंदर निरस्त करें.
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि 11 अगस्त 2023 के बाद हुई नियुक्ति को ही निरस्त किया जाएगा.
इससे पहले यानि 11 अगस्त 2023 से पहले हुई नियुक्ति को मान्य किया जाएगा.
इस फैसले से पिछले एक साल के अंदर जितने भी बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, उन्हें ही नौकरी से निकाला जाएगा.
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