कलेक्टर ने की राजस्व विभाग के काम-काज की समीक्षा
बेमेतरा कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा की। कल मंगलवार को जिला कार्यालय के सभाकक्ष मे आयोजित बैठक मे विवादित, अविवादित नामांतरण, सीमांकन, बटवारा, के प्रकरणों का तहसीलवार जानकारी लेकर समीक्षा की। उन्होने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित राजस्व प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करें। राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्रों का नियमित भ्रमण करें, अधिकारियों का संबंध आम जनता ग्रामीण व किसानों से जुड़ा होता है इस लिए सभी राजस्व अधिकारी और मैदानी कर्मचारी (पटवारी, आरआई) मुस्तैदी से ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए आम जनता की समस्याओं से रु-ब-रु होकर त्वरित निराकरण करना सुनिश्चित करें। बैठक मे अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बेमेतरा युगल किशोर उर्वशा, साजा धनराज मरकाम, नवागढ़ प्रवीण तिवारी, डिप्टी कलेक्टर विश्वास राव मस्के, हीरा गवर्ना, आरके सोनकर एवं जिले के सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि जिले में अविवादित नामांतरण के कुल 7260 मामले थे जिसका शतप्रतिशत निराकरण कर लिया गया है। अविवादित बंटवारा के 548 प्रकरणों में से सभी का शतप्रतिशत निराकरण किया गया, भूमि सीमांकन के 831 प्रकरणों में 829 प्रकरण निराकृत कर लिये गये हैं। स्कूली बच्चों के 18756 जाति प्रमाण पत्र जारी किए गये। 18772 स्थाई निवास प्रमाण पत्र एवं 31919 आय प्रमाण पत्र जारी कर स्कूल में ही प्रदान कर दिया गया है।
कलेक्टर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री का प्रदेशव्यापी विधानसभावार मैदानी क्षेत्र का भ्रमण जारी है। इस दौरान मुख्यमंत्री आम जनता से भेंट-मुलाकात भी कर रहे हैं। उन्होने मुख्यमंत्री के भ्रमण को ध्यान में रखते हुए इसकी तैयारी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के भ्रमण के पूर्व सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने तहसील अनुविभाग के अन्तर्गत राजस्व प्रकरणों का निराकरण शीघ्र कर लेवें। इनमें अविवादित नामंतरण, बंटवारा, सीमांकन, फौती के प्रकरण, नवीन राशनकार्ड का निर्माण इत्यादि शामिल है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत सभी लंबित प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर लिया जावे। राजस्व अधिकारी संवेदनशीलता के साथ मानवीय सहानुभूति बरत कर पीड़ितों को शीघ्र लाभ पहुँचाने की दिशा मे कार्यवाही करें। ज्ञात हो कि प्राकृतिक आपदा से मृत्यु होने के फलस्वरुप मृतक के निकटतम वारिसान को शासन द्वारा 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान किया जाता है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राजस्व प्रकरणों पर सिलसिलेवार समीक्षा की। कलेक्टर ने विवादित नामांतरण, बंटवारा के प्रकरणों के निराकरण के लिए हल्का पटवारीवार सूचीबद्ध कर लें और आगामी बैठक तक लंबित प्रकरणों का निराकरण कर लिया जावे।
बैठक के दौरान ई-कोर्ट मे दर्ज प्रकरण की समीक्षा, नगरीय क्षेत्रों के अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन/आबंटन एवं भू-भाटक मद की वसूली, शासकीय विभागों को भूमि आबंटन प्रकरणों की जानकारी, नजूल पट्टा निर्माण, राजस्व प्रकरणों का निराकरण-नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, बटांकन, अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही डायवर्सन भू-अर्जन की समीक्षा की। राजस्व मद की वसूली-भू-राजस्व, पंचायत उपकर, शाला उपकर, परिवर्तित भूमि का लगान वसूली, नजूल प्रीमियम के संबंध मे जानकारी लेकर इस कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए।
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