निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाए जाने से नाराज़ होकर राजनांदगांव के करीब 20 डॉक्टरों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। डॉक्टरों ने एक साथ सामूहिक रूप से विरोध जताते हुए ये कदम उठाया है। उन्होंने मेडिकल काॅलेज के डीन को सामूहिक हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा है। बताया जा रहा है कि- डाॅक्टरों के इस तरह से सामूहिक त्यागपत्र देने से मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था बिगड़ गई है और अस्पताल में अफ़रा-तफ़री मच गई है।
डॉक्टर्स का कहना है कि- चिकित्सा शिक्षा के लिए निजी प्रैक्टिस संबंधी नियम पूर्ण और प्रासंगिक है। चिकित्सा शिक्षा संचनालय के अधीन चिकित्सा पृथक श्रेणी में आते हैं इसलिए उनके संबंधित आदेश मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नहीं होना चाहिए। डॉक्टरों की मांग है कि- इसे तत्काल संशोधित किया जाए।