प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है जिसमें लोकतांत्रिक सिद्धांतों के कई ऐतिहासिक संदर्भ हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के 1,100 साल से भी ज्यादा पुराने एक शिलालेख में स्थानीय निकाय के नियमों का जिक्र है, जिसमें किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने का प्रविधान भी है।
पीएम मोदी ने तमिल नववर्ष समारोह को किया संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन के आवास पर आयोजित तमिल नववर्ष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि तमिल दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा है और हर भारतीय को इस पर गर्व है। पारंपरिक तमिल पोशाक पहने प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तमिल साहित्य का भी व्यापक रूप से सम्मान किया जाता है तथा तमिल फिल्म उद्योग ने कई यादगार फिल्में दी हैं।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे प्राचीन लोकतंत्र है, यह लोकतंत्र की जननी है। इस संबंध में कई ऐतिहासिक संदर्भ हैं। एक महत्वपूर्ण संदर्भ तमिलनाडु है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के उतिरामेरुर में 1100-1200 साल पुराना एक शिलालेख है, जिसमें देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की झलक दिखती है।
मोदी ने कहा कि वहां जो शिलालेख मिला है, वह वहां की ग्राम सभा के लिए स्थानीय संविधान की तरह है। इसमें बताया गया है कि सदन कैसे चलना चाहिए, सदस्यों की योग्यता क्या होनी चाहिए, सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए। इतना ही नहीं, उस दौर में, उन्होंने यह फैसला भी किया था कि किसी सदस्य को कैसे अयोग्य घोषित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक देश के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि इस संस्कृति और परंपरा को आगे ले जाएं लेकिन हम सभी जानते हैं कि पहले क्या हुआ था। अब मुझे यह जिम्मेदारी दी गई है। मोदी ने कहा कि तमिल संस्कृति में काफी कुछ ऐसा है जिससे भारत को एक राष्ट्र के रूप में आकार मिला है।
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