Uttarakhand Weather : मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार मंगलवार को गढ़वाल और कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में एक से दो दौर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि भारी से भारी वर्षा से आगे तीन दिन राहत के आसार हैं।
इस दौरान कुछ मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है। पहाड़ी क्षेत्रों में कहीं-कहीं एक से दो दौर तेज वर्षा हो सकती है। हालांकि न्यूनतम तापमान में इस दौरान एक से दो डिग्री सेल्सियस की कमी भी हो सकती है।
रविवार व सोमवार को मैदान से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा ने व्यापक तबाही मचाई। देहरादून में तड़के चार बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक रुक-रुक कर मूसलाधार वर्षा हुई। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
वहीं देहरादून में काठबंगला क्षेत्र में एक मकान ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई है। इसमें एक दस दिन का बच्चा भी शामिल है।
रविवार को हुई भारी बारिश के बीच मालदेवता कस्बा एक फिर तबाही से बाल बाल बचा। बारिश के पानी के साथ नाले से भारी मलबा सड़क पर जमा हो गया। गनीमत रही कि मलबा आबादी क्षेत्र में नहीं आया।
मालदेवता के निरीक्षण के दौरान रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ व जिलाधिकारी सोनिका ने अपने सामने मलबा हटवाया। यहां लोनिवि अधिकारियों को वायरक्रेट लगाने व अन्य उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
मालदेवता के ग्रामीण 19 अगस्त की रात आए जलजले को भूल भी नहीं पाए थे कि सप्ताहभर बाद रविवार को एक बार फिर भारी वर्षा के चलते बांदल नदी ने रौद्र रूप ले लिया। जिससे समूचे बांदल घाटी के ग्रामीण एक बार फिर सहम गए।
शासन-प्रशासन ने पिछले एक सप्ताह के दौरान कड़ी मशक्कत के बाद बुनियादी सुविधाएं जुटाकर जनजीवन पटरी पर लाने की जो कोशिश की थी, सोमवार तड़के उफनती बांदल नदी फिर से सबकुछ बहा ले गई। घबराए कई ग्रामीण घर छोड़कर भाग खड़े हुए।
बांदल नदी के साथ मिलने वाले 12 से अधिक गाड़-गदेरों में उफान आने से मालदवेता-टिहरी संपर्क मार्ग फिर से अवरुद्ध हो गया है। रविवार रात करीब साढ़े 12 बजे से समूचे बांदल घाटी में तेज वर्षा शुरू हो गई। तड़के चार बजे तक मूसलाधार वर्षा जारी रहने से बांदल नदी के रौद्र रूप ले लिया।
जिससे सबसे अधिक नुकसान सेरकी गांव में तीन घरों, गौशाला व कृषि भूमि को हुआ। इसके अलावा बांदल नदी ने ग्वांड गांव, सरखेत, सरखेत पीपीसीएल, भैंसवाड़ा, सीतापुर सेरकी, सीतापुर आदि इन तटीय गांवों में व्यापक तबाही मचाई। इस बार भी नदी में 19 अगस्त को आइ आपदा के बराबर मलबा और पानी का तेज बहाव दिखा। इन प्रभावित क्षेत्रों का जिलाधिकारी देहरादून सोनिका सहित कई विभागों के आपदा नोडल अधिकारियों ने दौरा किया।