पटना | संवाददाता: भोजपुरी की बहुचर्चित लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया.72 वर्षीय शारदा सिन्हा पिछले कई दिनों से अस्वस्थ थीं.
सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा की तबीयत अधिक बिगड़ गयी थी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था.
उनका निधन ऐसे समय में हुआ है, जब हिंदी भाषी इलाकों में छठ पूजा मनाया जा रहा है. पिछले चार दशकों से छठ पूजा के गीत और शारदा सिन्हा, एक दूसरे के पर्याय बन चुके थे. 1978 में उनका पहला अलबम ‘उगs हो सुरूज देव’ छठ पूजा के गीतों का ही था.
गौरतलब है कि 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल ज़िले के हुलास गांव में जन्मी शारदा सिन्हा लोकप्रिय गायिका थीं. शारदा सिन्हा ने रघु झा, सीताराम हरि दांडेकर और पन्ना देवी से संगीत की शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय और प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से भी डिग्री प्राप्त की.
उनकी अनूठी शैली ने उन्हें न केवल अपने राज्य में बल्कि देश के अन्य हिस्सों और विदेशों में भी व्यापक लोकप्रियता और मान्यता दिलाई है.
अपने गाये छठ गीतों, विवाह गीतों और लोक उत्सव से जुड़े गीतो को लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश समेत दुनिया भर के भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषियों के बीच वो काफी प्रसिद्ध थीं.
उन्होंने लोकगीतों के अलावा मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन तथा गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों में भी गाने गाए थे.
संगीत में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी सम्मान, पद्मश्री और पद्म विभूषण सम्मान मिला था.
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