छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की शराब दुकानों में अब कैशलेस भुगतान की सुविधा आरंभ की जा रही है। लंबे समय से यह शिकायत मिल रही थी कि राज्य की अनेक शराब दुकानों में शराब की बिक्री शासन द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक राशि लेकर की जा रही है। इससे शराब उपभोक्ताओं में काफी असंतोष भी रहा है।
वर्तमान में शराब का विक्रय प्रत्येक बोतल पर अंकित क्यू.आर. कोड को स्कैन करके और नगद भुगतान प्राप्त करके कियाजाता है, लेकिन विगत वर्षाे में कई कारणों से यह प्रणाली दोषपूर्ण साबित हुई है।
अब ऑनलाइन भुगतान तथा यूपीआई के माध्यम से भुगतान द्वारा कैशलेस भुगतान की सुविधा आरंभ हो जाने से शराब दुकानों में निर्धारित राशि से अधिक राशि नहीं ली जा सकेगी। शराब का विक्रय अधिक व्यवस्थित तरीके से होगा, इससे शराब काउंटरों पर लगने वाली भीड़ में कमी आएगी, चिल्हर की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी और लोगों के समय की भी बचत होगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार की प्राथमिकता सभी शासकीय विभागों में अधिक से अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। कैशलेस भुगतान की सुविधा इसी क्रम में उठाया गया एक छोटा सा कदम है।
शुरुआती चरणों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह सुविधा विदेशी मदिरा की प्रीमियम दुकानों में प्रारंभ की जा रही है। इसमें सफलता मिलने पर इसे अन्य दुकानों में भी इसे प्रारंभ किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा इस व्यवस्था को लागू करने की पहल की गई है। बैंकों से दुकानवार QR Code प्राप्त किया जा रहा है, जिसे प्रत्येक मदिरा दुकान के बाहर चस्पा किया जावेगा। QR Code को स्कैन करने के पश्चात् निर्धारित फुटकर विक्रय दर पर मदिरा का क्रय किया जा सकेगा।
इसी क्रम में सर्वप्रथम प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकानों में P.O.S. मशीन से क्रेडिट/डेबिट कार्ड के माध्यम से मदिरा के कीमत के भुगतान की प्रक्रिया अपनायी जायेगी, जिसकी सफलता के पश्चात अन्य मदिरा दुकानों में भी डिजिटल ट्रांजेक्शन की व्यवस्था की जायेगी।