सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रत्येक टोली 5-10 लोगों के छोटे ग्रुप के साथ बैठकें कर रही है और अपने-अपने इलाकों के मोहल्लों के परिवारों से बातचीत कर रही है। सूत्रों ने बताया कि संघ की टोलियां इन बैठकों में सीधे तौर पर भाजपा का समर्थन नहीं कर रहीं लेकिन राष्ट्रीय हित, हिंदुत्व, सुशासन, विकास, लोक कल्याण और समाज से जुड़े विभिन्न स्थानीय मुद्दों पर गहन चर्चा के माध्यम से लोगों की राय को आकार देती हैं।
बता दें कि हरियाणा चुनाव के दौरान संघ कार्यकर्ताओं की टोलियों ने राज्य भर में 1.25 लाख से अधिक छोटी-छोटी बैठकें की थीं। इन बैठकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की जाट-केंद्रित नीतियों सहित विभिन्न मुद्दों को उजागर करके हरियाणा में जनमत को आकार देने में मदद की। उन्होंने अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर किया। उन्होंने किसानों से भी बातचीत की और उनकी भावनाओं को भाजपा के पक्ष में करने में कामयाब रहे।
हरियाणा में भाजपा के खिलाफ माहौल होते हुए भी संघ के प्रयास के कारण वहां लगातार तीसरी बार भाजपा पूर्ण समर्थन के साथ सरकार में आई है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद ही संघ ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए यह फैसला किया है। र पार्टी में कई लोगों को उम्मीद है कि हरियाणा की रणनीति का दोहराते हुए उन्हें महाराष्ट्र में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
महाराष्ट्र में कब है विधानसभा चुनाव?
बता दें कि महाराष्ट्र में निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा हो चुकी है। राज्य में विधानसभा चुनाव की सभी 288 सीटों पर एक ही फेज में 20 नवंबर को होंगे। वहीं नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
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