राज्यसभा में गुरुवार रात महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक, 2023) को सर्वसम्मति से पारित किया। विधेयक के पक्ष में 214 वोट पड़े, जबकि इस विधेयक के खिलाफ किसी ने मतदान नहीं किया।
मतदान के दौरान स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्यसभा में मौजूद रहे। राज्यसभा में गुरुवार रात मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के सांसदों से महिला आरक्षण बिल को सर्वसम्मति से पारित करने का अनुरोध किया था।
विधेयक के पारित होने के बाद सभापति धनखड़ ने कहा, ”यह एक सुखद संयोग है कि हिंदू रीति के अनुसार आज पीएम मोदी का जन्मदिन है। मैं उन्हें कोटि-कोटि बधाई देता हूं।”
राज्यसभा में विधेयक पर मतदान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के सभी सांसदों से अपील करते हुए कहा कि यह उच्च सदन है, चर्चा भी उत्तम करने का प्रयास हुआ है। अब मतदान भी सर्वसम्मति से करके हम देश को एक नया विश्वास दें।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने राज्यसभा सांसदों से कहा, “इसी अपेक्षा के साथ में एक फिर बार सबका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। जो भावना आप लोगों ने व्यक्त की है, मैं उसके लिए आपका आभार प्रकट करता हूं।”
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सभी सांसदों ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि वह इस बिल का समर्थन करते हैं। इसके लिए मैं सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह जो भाव पैदा हुआ है, यह भाव देश के जन-जन में एक नया आत्मविश्वास पैदा करता है।”
उन्होंने कहा कि सभी सांसदों और सभी राजनीतिक दलों ने एक बहुत बड़ी एवं अहम राजनीतिक भूमिका निभाई है। नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान केवल विधेयक पारित होने से मिल रहा है ऐसा नहीं है, बल्कि इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच हमारे देश की नारी शक्ति को एक नई ऊर्जा देने वाली है।
गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक प्रस्तुत किया गया था। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने इस विधेयक का समर्थन किया और इसके पक्ष में वोट डाले।
इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में सरकार से कहा कि वह महिला आरक्षण लागू करने की एक तिथि या समय-सीमा सदन को बताएं। सरकार का कहना है कि बिल पास होने के उपरांत जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।
राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्पष्ट बताएं कि महिला आरक्षण कब लागू होगा, सरकार महिला आरक्षण को 2 साल में लागू करेगी, 5 साल में लागू करेगी या 10 साल में लागू करेगी।
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