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मुख्य न्यायाधीश ने .महाधिवक्ता से पूछा…क्या चल रहा है…IPS को थमाया नोटिस..कहा…पॉवर का हो रहा मिसयूज..पुलिस प्रमुख और चीफ सेक्रेटरी से करें बात

बिलासपुर— छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच ने दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते महाधिवक्ता से पूछा कि..प्रदेश में क्या हो रहा है..। आईपीएस अधिकारी पावर का मिसूज कर रहा है। चीफ जस्टिस ने आईपीएस समेत अन्य को नोटिस जारी किया। साथ ही पुलिस विभाग प्रमुख और चीफ सेक्रेटरी बात करने को कहा है।

शुक्रवार को हाई कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता परिवार पर आठ एफआईआर दर्ज मामले को लेकर सुनवाई किया। कोर्ट ने एजी से सवाल किया कि आखिर प्रदेश में हो क्या रहा है। दुष्कर्म पीड़िता दलित महिला के परिवार पर 8 आपराधिक प्रकरण दर्ज क्यों दर्ज हुआ। क्या पूरा परिवार जीवन भर मुकदमा लड़ेगा। क्या यह पावर का मिसयूज है। चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान परिवार के खिलाफ दर्ज आठ एफआईआर पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया। साथ ही जिला कोर्ट में चल रहे सभी ट्रायल को रोक दिया है।

याचिका कर्ता की तरफ से अधिवक्ता अमन सक्सेना ने बहस के दौरान कोर्ट को बताया कि पीड़िता दलित परिवार से  बिलासपुर की रहने वाली है। विवाहित महिला की शिकायत पर सिटी कोतवाली में पियूष तिवारी के खिलाफ अपराध दर्ज है। पीड़िता का रायपुर न्यू कालोनी निवासी आरोपी पियूष तिवारी के 2018 से दिसंबर 2019 के बीच सम्पर्क में रही। आरोपी ने खुद को अविवाहित और डीएसपी होना बताया। और शादी का झांसा देकर लगातार दुष्कर्म किया। बाद में शादी से इंकार कर दिया। इस दौरान पीड़िता को जानकारी मिली कि आरोपी ना तो डीएसपी है और ना ही अविवाहित। और फिर उसने पियूष तिवारी से संबंध खत्म कर लिया। 

 पीड़िता की शिकायत पर सिटी कोतवाली पुलिस थाना में एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज अपराध को वापस लेेने के लिए  आरोपी पियूष तिवारी और उसके मित्र आईपीएस मित्र अरविंद कुजूर ने दबाव बनाया। आईपीएएस ने पावर का उपयोग कर महिला को धमकी दिया कि रिपोर्ट वापस ले। अन्यथा किसी गंभीर आरोप में फंसा देगा। इसके बाद पीड़िता अपने घर चली गई। 2018 में इंदौर में शादी कर ली।

शादी की जानकारी के बाद पियूष तिवारी ने कुम्हारी थाने में धोखाधड़ी का झूठा केस दर्ज कराया। पीड़िता के पिता, भाई और पति को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया। पूरे घटनाक्रम में आईपीएस अरविन्द कुजूर ने आरोपी का समर्थन किया। आरोपी पियूष तिवारी ने फर्जी मुकदमा कर पीड़िता को  केस वापस लेने के लिए लगातार प्रताड़ित किया।

इसी बीच विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी रायपुर ने आरोपी को एट्रोसिटी एक्ट में सजा सुनाई। सजा होने के बाद आरोपी ने अपने आईपीएस मित्र की सहायता से पीड़िता के परिवारवालों के खिलाफ विभन्न थानों में 8 मुकदमा दर्ज कराया है।

अत्याचार के खिलाफ पीड़िता की याचिका कर शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डीबी में सुनवाई हुई। मामले को गभीरता से लेते हुए कोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा कि प्रदेश में क्या हो रहा है।पॉवर का मिसयूज क्यों हो रहा है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि चीफ सैकेट्री और पुलिस विभाग के चीफ से बात कर जवाब दे। ऐसा नही चलेगा।

इसके अलावा कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ चल रहे सभी मुकदमो की कार्रवाई पर रोक लगाई है। कोर्ट ने आईपीएस अरविंद कुजूर समेत सभी पक्षकार को नोटिस जारी किया है।

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