मैनपाट| संवाददाताः छत्तीसगढ़ के मैनपाट में टीकाकरण के बाद एक बच्ची की संदिग्ध मौत हो गई.
मंगलवार को तीन महीने की बच्ची को टीका लगा और बुधवार को बच्ची की जान चली गई.
परिजनों का आरोप है कि टीका लगने के बाद बच्ची की तबीयत खराब हुई और उसकी मौत हो गई.
हालांकि सरगुजा सीएमएचओ का कहना है कि बच्चे की सांस नली एवं गले में दूध फंसा मिला है, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है.
इससे पहले बिलासपुर में इसी महीने के पहले सप्ताह में टीका लगने से दो बच्चों की मौत हो गई थी. वहीं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भी एक बच्चे की मौत हुई थी.
घटना मैनपाट के परपटिया गांव की है.
गांव के सहत राम मझवार और फूलमती के तीन महीने की बच्ची रानी का मंगलवार को ढोढ़ीटिकरा के आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण किया गया था.
परिजनों के अनुसार टीकाकरण के कुछ घंटे बाद बच्ची को तेज बुखार आ गया. बुखार बढ़ता ही गया और दूसरे दिन बुधवार को बच्ची की मौत हो गई.
परिजनों ने बच्ची की मौत की जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य अमले को दी. स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी सरगुजा सीएमएचओ को दी.
घटना की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई और परपटिया गांव पहुंची.
सीएमएचओ डॉ. प्रेम सिंह मार्को के निर्देश पर बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कमलेश्वरपुर हेल्थ सेंटर भेजा गया, जहां बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि मंगलवार को ढोढीटिकरा आंगनबाड़ी में 7 बच्चों का टीकाकरण किया गया था.
अन्य बच्चों के परिजनों से संपर्क कर उनके बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली तो वे सब ठीक हैं. उनके बच्चों को सामान्य बुखार आया था, जिनकी हालत अब ठीक है.
इस संबंध में सरगुजा सीएमएचओ डॉ. प्रेम सिंह मार्को ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के दौरान बच्चे की नाक और सांस नली में दूध फंसा मिला.
आशंका है कि बच्चे के रोने पर रात को बच्चे की मां ने दूध पिलाया होगा. इस उम्र के बच्चों को दूध पीने के बाद उल्टी हो जाती है.
उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि दूध सांस की नली में फंसने से उसकी मौत हुई है.
डॉ. मार्को ने कहा कि बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम कराकर बिसरा प्रिजर्व किया गया है. बिसरा जांच में मौत का कारण और स्पष्ट हो जाएगा.
इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहा है कि 7 बच्चों को वैक्सीन लगाया गया था, जिसमें से 6 बच्चे स्वस्थ्य हैं.
उसी बैच की वैक्सीन से 9000 टीकाकरण पहले हुआ है. किसी प्रकार की शिकायत नहीं आई थी.
यह जांच का विषय है कि बच्चे की मौत क्यों हुई. इसके लिए राज्यस्तरीय जांच दल का गठन किया गया है.
इससे पहले भी कथित रुप से टीकाकरण के बाद तीन बच्चों की मौत का मामला सामने आया था.
बिलासपुर में इसी महीने 7 बच्चों को बीसीजी और पेंटावेलेंट के टीके लगाए गए थे.
टीकाकरण के बाद 2 बच्चों की मौत हो गई थी. वहीं 5 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी.
उसके बाद उस बैच की वैक्सीन को प्रतिबंधित कर दिया गया था.
इसी तरह गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के सेमरदर्दी गांव में टीकाकरण के बाद डेढ़ माह की एक बच्ची की मौत हो गई थी.
स्वास्थ्य विभाग ने टीके की वजह से मौत की बात को खारिज कर दिया था.
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