रायपुर 14 अप्रैल। छत्तीसगढ़ में मोतियाबिंद ऑपरेशन के निर्धारित लक्ष्य से 25 प्रतिशत ज्यादा ऑपरेशन किए गए है।
राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि लोगों को नेत्र विकारों से मुक्ति दिलाने का काम मिशन मोड पर चल रहा है। राज्य में हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में आंख की रोशनी लौटाने कुल एक लाख 67 हजार 716 ऑपरेशन किए गए हैं। इनमें एक लाख 35 हजार 113 मोतियाबिंद के और 32 हजार 603 ऑपरेशन आंख की दूसरी बीमारियों के हैं। नेत्र विकारों से पीड़ित 40 वर्ष से अधिक के 53 हजार 659 लोगों और 37 हजार 302 बच्चों को निःशुल्क चश्मा भी इस दौरान प्रदान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रदेश भर के स्कूलों में जाकर दस लाख 77 हजार 577 बच्चों के आंखों की जांच भी की है।
उन्होने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में मोतियाबिंद के एक लाख 35 हजार 113 ऑपरेशन किए गए। यह राज्य में एक वर्ष में अब तक किया गया सर्वाधिक ऑपरेशन है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एक लाख सात हजार 600 मोतियाबिंद ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया था। स्वास्थ्य विभाग ने इस बेंचमार्क को पार करते हुए कुल एक लाख 35 हजार 113 ऑपरेशन किए हैं जो कि लक्ष्य से 25 प्रतिशत ज्यादा है। मोतियाबिंद के साथ ही इस दौरान 32 हजार 603 आंख की अन्य बीमारियों के ऑपरेशन किए गए हैं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों में आंख के ऑपरेशन की सुविधा है। इनके साथ ही भाटापारा, पत्थलगांव और सुपेला के सिविल अस्पतालों, पटना, मनेंद्रगढ़, सोनहत तथा उदयपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी सफलतापूर्वक आंख की सर्जरी की जा रही है। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में भी गुणवत्तापूर्ण नेत्र ऑपरेशन किए जा रहे हैं। राजधानी रायपुर के नजदीक माना सिविल अस्पताल में राज्य स्तरीय नेत्र अस्पताल प्रारंभ किया गया है।
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