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राजनांदगांव : बच्चों को दिव्यांगता से बचाने का उद्देश्य लेकर सीआरसी ने दिया प्रशिक्षण

० दिव्यांग बच्चों की पहचान कर शीघ्र हस्तक्षेप के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व पर्यवेक्षकों को किया प्रेरित
० बलदेव प्रसाद मिश्र हायर सेकंडरी स्कूल बसंतपुर में हुआ आयोजन

राजनांदगांव। दिव्यांगजनों की पहचान, पोषण एवं पुनर्वास के उद्देश्य से कंपोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) राजनांदगांव के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बलदेव प्रसाद मिश्र हायर सेकंडरी स्कूल, बसंतपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले की सभी ग्राम पंचायत से 152 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक शामिल हुए। इस अवसर पर उन्हें दिव्यांग बच्चों की पहचान, परामर्श एवं पुनर्वास से संबंधित आवश्यक जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक सीआरसी राजनांदगांव कुमार राजू ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद, सामाजिक न्याय एवं अधिकरिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित सीआरसी राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) में दिव्यांगजनों के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में विशेषकर दिव्यांग बच्चों की पहचान, परामर्श, पोषण एवं पुनर्वास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस प्रयास में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को भी प्रमुखता से शामिल किया किया गया है। दिव्यांग बच्चों की पहचान, परामर्श, पोषण एवं पुनर्वास के विषय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को जागरूक करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया है, ताकि दिव्यांग बच्चों की बेहतर ढंग से देखभाल की जा सके। जागरूकता कार्यक्रम अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता लाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। वहीं सीआरसी में पदस्थ मनोचिकित्सक श्रीदेवी गोडिशाला ने कहा, दिव्यांगजनों के पोषण व पुनर्वास की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत प्रोफेशनल के द्वारा सभी प्रकार के दिव्यांग जैसे-अधिगम, श्रवण एवं वाक् बाधित, मानसिक दिव्यांग, दृष्टि बाधित, स्वलिनता, एडीएचडीए सेरब्रल पॉलिसी की पहचान, जांच, परामर्श एवं पुनर्वास को पहली प्राथमिकता में रखा गया है। जागरूकता कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को विशेषकर दिव्यांग बच्चों की पहचान कर शीघ्र हस्तक्षेप करने हेतु प्रेरित किया गया, ताकि दिव्यांगता के लक्षण दिखने पर शुरुआती दौर में ही उपचार शुरू किया जा सके तथा बच्चों को दिव्यांग होने से बचाया जा सके। कार्यक्रम में सीआरसी राजनंदगांव में होने वाली थेरैपी और एमएचआरएच टोल फ्री नंबर-18005990019 की भी जानकारी दी गई। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को अपने कार्यक्षेत्र में दिव्यांग बच्चों की पहचान करने तथा सीआरसी भेजने संबंधी एक फार्मेट भी दिया गया।
कार्यक्रम को सहायक प्राध्यापक (विशेष शिक्षा) राजेन्द्र कुमार प्रवीण, व्याख्याता (व्यावसायिक चिकित्सा विभाग) देव आशीष राउत, व्याख्याता (भौतिक चिकित्सा विभाग) आशीष परासर, स्थिर प्रज्ञान (पुनर्वास) अधिकारी गजेंद्र कुमार साहू और (वाक् एवं श्रवण चिकित्सक) पूनम ने भी संबोधित किया। वहीं प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन सहायक प्राध्यापक (विशेष शिक्षा) राजेन्द्र कुमार प्रवीण एवं कार्यक्रम समन्वयक गजेन्द्र कुमार साहू के द्वारा सभी प्रतिभगियों एवं प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र देकर किया गया। इस कार्यक्रम में सीआरसी राजनांदगांव के विशेष शिक्षा विभाग में अध्ययनरत छात्राएं भी शामिल हुईं।

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