तिरुवनंतपुरम। विधेयकों को मंजूरी देने में देरी के मुद्दे पर राष्ट्रपति के खिलाफ केरल सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के दो दिन बाद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को इसके लिए सरकार की आलोचना की।
राज्यपाल खान ने कहा, “अदालतों का दरवाजा खटखटाना किसी भी पीड़ित पक्ष का अधिकार है, लेकिन राज्य सरकार ने जो किया उसमें कुछ भी सामान्य नहीं है। अब अदालत को इस पर फैसला करने दीजिए।”
केरल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन राज्य के कई प्रशासनिक मुद्दों पर एक-दूसरे के आमने-सामने रहे हैं।
शनिवार को माकपा विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री टी.पी. रामकृष्णन और केरल के मुख्य सचिव द्वारा एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि विधानसभा द्वारा पारित सात विधेयकों को पहले राज्यपाल खान और फिर राष्ट्रपति के पास सहमति के लिए भेजा गया था।
सात विधेयकों में से एक को राष्ट्रपति ने हरी झंडी दे है, तीन को लौटा दिया जबकि बाकी तीन विधेयक राष्ट्रपति के पास ही हैं। इसके बाद केरल सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
इस बीच, कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने विजयन सरकार के इस कदम को चुनावी स्टंट बताया है।