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राज्यसभा सचिवालय ने राघव चढ्ढा को अलॉट किए सरकारी बंगले का आवंटन की किया रद्द… 

राज्यसभा सचिवालय ने आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चढ्ढा को अलॉट किए सरकारी बंगले का आवंटन रद्द कर दिया है। इसपर रोक के लिए चढ्ढा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल सचिवालय ने पहली बार सांसद बने चढ्ढा को टाइप-7 बंगला आवंटित किया था। इस तरह का बंगला उन्हें आवंटित होता है जो पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व राज्यपाल या पूर्व मुख्यमंत्री होते हैं। पिछले साल आवंटन के बाद इस साल मार्च में बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया। 

क्या है नियम

अप्रैल 2022 में जारी राज्यसभा सदस्यों की हैंडबुक के अनुसार, पहली बार सांसद बने चड्ढा टाइप-5 आवास के हकदार हैं। हैंडबुक के अनुसार, ऐसे सांसद जो पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष हैं, वे टाइप-7 के हकदार हैं, जो राज्यसभा सांसदों के लिए उपलब्ध दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी है। हालांकि, हाउस कमेटी के अध्यक्ष को ‘असाधारण परिस्थितियों/विशेष मामलों’ में आवास आवंटित करने के लिए अधिकृत किया जाता है जो किसी सदस्य की पात्रता से बड़ा है। बीजेपी सांसद सीएम रमेश की अध्यक्षता वाली वर्तमान हाउस कमेटी का गठन 2 नवंबर, 2022 को किया गया था। जबकि राज्यसभा की वेबसाइट के अनुसार, पिछली हाउस कमेटी के अध्यक्ष ओपी माथुर का कार्यकाल ‘जुलाई 2022’ में समाप्त हो गया था।

बीजेपी मेरी आवाज दबाना चाहती है

चड्ढा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह आवंटन रद्द होने से हैरान नहीं हैं। उन्होंने इसे डराने और चुप कराने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति ने उचित प्रक्रिया के बाद उन्हें बंगला आवंटित किया था। लिखित जवाब में उन्होंने कहा, ‘मेरे आवंटित घर को रद्द करना कोई प्रशासनिक निर्णय नहीं है। यह भाजपा के प्रतिशोधी स्वभाव का एक स्पष्ट प्रतिबिंब है। इससे राजनीतिक पूर्वाग्रह की गंध आती है। यह राज्यसभा में मेरी निडर आवाज को दबाने, मुझ पर दबाव बनाने, मजबूर करने और मुझे मुख्य मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराने से रोकने का प्रयास है। चुनिंदा सांसदों को निशाना बनाने वाले ऐसे कृत्य सदन के प्रतिनिधियों के रूप में उनके कार्यों के उचित निर्वहन में अवैध और अवांछित हस्तक्षेप के समान हैं। भाजपा अपनी कार्रवाइयों से प्रतिशोध की राजनीति के निचले स्तर पर पहुंच गई है और संविधान के मूल ढांचे को खतरे में डाल दिया है, जिसमें सदन के निर्वाचित सदस्यों द्वारा निर्भीक चर्चा और असहमति की परिकल्पना की गई है।’

बिना बताए जारी किया नोटिस

चड्ढा ने कहा कि आवास रद्द करने का नोटिस उन्हें बिना बताए जारी किया गया। उन्होंने कहा, ‘यह उल्लेखनीय है कि उक्त आवास का आवंटन राज्यसभा के माननीय सभापति द्वारा कानून की उचित प्रक्रिया के बाद किया गया था, जिसके बाद कब्जा लिया गया और मैं अपने परिवार के साथ वहां रहने चला गया।’ 

अनुरोध पर आवंटित हुआ था टाइप-7 बंगला

पटियाला हाउस कोर्ट के 18 अप्रैल के आदेश के अनुसार, पिछले साल मार्च में पंजाब से राज्यसभा के लिए चुने गए चड्ढा को 6 जुलाई, 2022 को टाइप-6 बंगला, सी-1/12, पंडारा पार्क आवंटित किया गया था। इसके बाद चढ्ढा ने 29 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से उन्हें टाइप-7 बंगला आवंटित करने का अनुरोध किया था। उनके अनुरोध पर विचार करते हुए 8 सितंबर 2022 को उन्हें बंगला नंबर एबी-5, पंडारा रोड, नई दिल्ली आवंटित कर दिया गया। आवंटन को स्वीकार करने के बाद चढ्ढा अपने माता-पिता के साथ यहां रहने लगे और उन्होंने रेनोवेशन कार्य भी करवाए। इसके बाद तीन मार्च को उन्हें आवंटन रद्द होने का नोटिस मिला।

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