प्रभु श्रीराम अपने भक्तों के कर्ज का ऑडिट करेंगे। चरणों में बैंक का ब्योरा अर्पित होगा। राम रमापति बैंक के 19 अरब रामनाम के साथ कर्जदारों के कल्याण का अयोध्या में हिसाब-किताब होगा। आठ महीने 10 दिन में कर्ज लौटाने वाले लाखों भक्त खातेदार हैं। इसमें शपथ पत्र भरने के बाद सदस्यता मिलती है।
काशी में प्रभु श्रीराम की रत में रमे लाखों भक्तों के कर्ज का ऑडिट अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम करेंगे। राम जन्मभूमि में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद काशी के राम रमापति बैंक का पूरा ब्योरा प्रभु के चरणों में अर्पित होगा। 19 अरब रामनाम के साथ कर्जदारों के कल्याण का हिसाब-किताब कौशल्यानंदन करेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम के पास चल रहे राम रमापति बैंक में लाखों लोग अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। उनके रोम रोम में राम रमैया की रत है। यही रत उन्हें दिल के द्वारिका, मन के मथुरा और काया की काशी में परम सत्य का अनुसंधान कराती है।
काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर-2 के पास स्थित राम रमापति बैंक के प्रति भक्तों की आस्था ऐसी है कि इस बैंक में लेनदेन का सारा काम भगवान राम के नाम पर ही होता है। रामनवमी के दिन इस बैंक में भक्त राम नाम की इस जमा पूंजी का दर्शन करने आते हैं। बैंक का संचालन भी भगवान राम के भक्त ही करते हैं।
साल दर साल इस बैंक में रामनाम की पूंजी बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में यहां 19 अरब से अधिक हस्तलिखित राम नाम जमा हैं। पूरी दुनिया में यह इकलौता ऐसा बैंक है जहां भगवान राम के नाम की इतनी पूंजी जमा है।
राम रमापति बैंक से अब तक लाखों लोगों की मुराद पुरी हो चुकी है। कर्ज लेने वाले भक्तों को राम नाम लिखने के लिए कागज और कलम मिलता है। भक्त 8 महीने 10 दिन राम का नाम लिखते हैं। इसके बाद इसे वापस इसी बैंक में जमा करना होता है। इसे पूंजी के तौर पर यहां रखा जाता है।
8 महीने 10 दिन में पूरा करना होता है कर्ज
राम रमापति बैंक में कर्ज लेने से पहले मांस मदिरा और सात्विक जीवन का शपथपत्र भरना पड़ता है। इसके मुताबिक कर्ज लेने वाले श्रद्धालु को 8 महीने 10 दिन तक लगातार 500 राम नाम लिखना होता है। इस तरह 250 दिनों में सवा लाख राम नाम लिखने का काम पूरा होता है। इस दौरान भक्तों को सिर्फ सात्विक भोजन ही करना होता है। ऐसी मान्यता है जो इन नियमों का पालन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राम रमापति बैंक में भक्तों को भगवान राम के नाम का कर्ज दिया जाता है। इसके लिए कुछ नियमों का पालन भी करना होता है इसके लिए एक शपथ पत्र भक्तों से भरवाया जाता है। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद हम कर्जदारों की ऑडिट के लिए बैंक का पूरा ब्योरा प्रभु श्री राम के चरणों में अर्पित करेंगे।- सुमित मल्होत्रा, उत्सव प्रबंधक, श्री राम रमापति बैंक।
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