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लक्ष्य से भटकी सरकार की धान खरीदी में खुली पोल : शाहिद भाई

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने छत्तीसगढ़ सरकार की धान खरीदी नीति को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार की बेसुधी और अकुशल नीति की पोल पहले दिन की खरीदी से ही खुल गई है। सरकार ने जिले में पहले दिन 2556 किसानों टोकन जारी कर 1 लाख 20 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया था, उसमें से सिर्फ 1471 किसानों ने 62362.80 क्विंटल धान बेचे हैं। इसी प्रकार मोहला-मानपुर-चौकी जिले में मात्र 159 किसानों ने 6464 क्विंटल एवं खैरागढ़-छुईख़दान-गंडई जिले में 931 किसानों ने 47 हजार का धान बेचा है, जो पहले दिन के लक्ष्य का आधा ही है। 14 नवंबर से 31 जनवरी तक में मात्र 47 दिन ही खरीदी होगी, ऐसे में 160 लाख मीट्रिक धान के अपने लक्ष्य को सरकार पा ही नहीं सकती।
महामंत्री शाहिद भाई ने आगे कहा कि 1 नवंबर से धान खरीदी ना कर छग सरकार ने अन्नदाता किसानों से साजिश कर राज्योत्सव व दीपावली की दोहरी खुशी से वंचित करने 14 तारीख से धान खरीदी प्रारंभ किया गया है। छग में भाजपा ने चुनाव में किसानों को 21 क्विंटल धान 3100 रूपये की दर से खरीदने के साथ एक मुश्त राशि देने की बात मोदी की गारंटी बताते ग्राम पंचायत स्तर पर नगद काउंटर खोलने की बात कहने वाली भाजपा सत्ता पाने अपने इस वादे से भी मुकर कर अपना किसान विरोधी चेहरा उजागर किया है। खरीदी केंद्रों में वृद्ध किसानों के लिए एक अलग से काउंटर खोलने की भी आवश्यकता है, ताकि उनको असुविधा न हो। छग में सरकार अपराध नियंत्रण में बेबस साबित हो रही है और छग अपराधगढ़ बन गया है, क्योंकि धान खरीदी प्रारंभ होते ही कोचिए सक्रिय होकर के काम चालु कर दिए हैं।
प्रदेश महामंत्री शाहिद भाई ने यह भी कहा कि किसानों को एकमुश्त राशि देने में असफल भाजपा सरकार किसानों को धान बेचने के बाद धान का समर्थन मूल्य 2320 पतला और 2300 मोटा की दर से 21 क्विंटल धान का ही भुगतान कर रही है, ऐसी स्थिति में एकमुश्त 3100 रूपये एवं केंद्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में 117 की बढ़ोत्तरी की है, ऐसी स्थिति में किसानों को 3217 रूपये प्रति क्विंटल की दर से नगद भुगतान की जानी चाहिए, जो करने की मंशा छग की सरकार नहीं है, जो सीधे तौर पर किसानों के साथ अन्याय एवं किसानों को मिलने वाली राशि का गबन है।

(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)

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