नई दिल्ली। 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा अभी से रणनीति बनाने में जुट गई। जेपी नड्डा ने पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव का संकेत दिया है । माना जा रहा है कि चुनाव से ठीक पहले न केवल जेपी नड्डा की टीम में नए पदाधिकारियों की ऐंट्री होगी, बल्कि कई प्रदेशों में प्रभारियों के नाम का भी ऐलान होगा।
माना जा रहा है कि 2024 तक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ही इस टीम की कमान संभाले रहेंगे, क्योंकि नियमानुसार अभी तक बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए चुनावी कार्यक्रम की घोषणा हो जानी थी मगर जिस तरह से कुछ दिन पहले बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई प्रदेशों के प्रदेश प्रभारियों की घोषणा की गई, उससे साफ संकेत मिलते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में जेपी नड्डा के नेतृत्व वाली टीम ही काम करेगी ।
कुछ प्रदेशों के प्रदेश प्रभारी भी बदले जायेंगे
सूत्रों की मानें तो इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव वाले राज्य गुजरात और हिमाचल में भी भाजपा अपने चुनाव प्रभारियों की घोषणा आने वाले कुछ दिनों में कर देगी । इतना ही नहीं, कुछ प्रदेशों के प्रदेश प्रभारी भी बदले जायेंगे। सूत्रों के मुताबिक, आगामी समय में सियासी चुनौतियों को देखते हुए मीडिया और सोशल मीडिया टीम को भी और मजबूत किया जायेगा । बताया गया कि टेक्नोलॉजी के साथ-साथ टीम में भी विस्तार किया जा सकता है ।
भाजपा ने क्या संकेत दिए
पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाकर वैसे तो मोदी सरकार ने अभी से संकेत दे दिया है कि उनकी सरकार राष्ट्र विरोधियों के लिए सख्त कदम उठाने से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगी । इसके साथ ही बिहार में नीतीश कुमार के झटका देने से बदली परिस्थितियों के बीच संगठन और सरकार का अनुभव रखने वाले राष्ट्रीय महासचिव विनोद तांवड़े को प्रभारी बनाकर भी बीजेपी ने जता दिया कि वह आगामी चुनावों के लिए कितनी गंभीर है और किसी भी मोर्चे पर विरोधियों को कोई मौका नहीं देना चाहती ।
इस रणनीति पर काम कर रही भाजपा
दरअसल, जेपी नड्डा की अगुआई में जहां भाजपा मोदी सरकार की गरीब और वंचितों के लिए बनाई गई योजनाओं को उस तबके तक पहुंचाने के साथ-साथ उनके लाभार्थियों तक पहुंचने की रणनीति पर काम कर रही है, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमांत क्षेत्र कश्मीर घाटी के क्षेत्रों के दौरे से अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है ।
राष्ट्रीय पदाधिकारियों की संख्या में होगा इजाफा
सूत्रों ने दावा किया कि अपनी रणनीति को फूलप्रूफ बनाने के लिए बीजेपी अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की संख्या में भी कुछ इजाफा कर सकती है और उनको प्रदेशों के साथ-साथ लोकसभा क्षेत्रों के हिसाब से भी जल्द ही जिम्मेदारी दे सकती है, जिससे चुनाव का होमवर्क समय से पहले पूरा हो जाये । साथ ही इसके बाद जो ग्राउंड से फीडबैक आए, उसके हिसाब से ही जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप भाजपा अपना घोषणापत्र जारी करेगी ।
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