रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में वन विभाग की डीपीसी यानी विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा के बाद भी अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं की जा रही है.
बड़ी मुश्किल से रेंजर, उप वनक्षेत्रपाल के पद पर कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए इस साल 2 जुलाई को बैठक हुई.
लेकिन इसके बाद भी कर्मचारी पदोन्नति की बाट जोह रहे हैं.
ढाई महीने का समय गुजर जाने के बाद भी पदोन्नति की सूची जारी नहीं होने को लेकर अधिकारियों का कहना है कि डीपीसी की फाइल वन मंत्री केदार कश्यप के कार्यालय में है. मंत्री की अनुशंसा प्राप्त होते ही पदोन्नति की सूची जारी कर दी जाएगी.
गौरतलब है कि राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 16 फरवरी 2015 को एक पत्र जारी कर सभी सरकारी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिया था कि हर वर्ष 1 जनवरी की तारीख़ में रिक्त पदों पर शासकीय सेवकों की पदोन्नति हेतु विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की जानी चाहिए.
लेकिन इसके बाद भी कई विभागों में समय पर पदोन्नति की कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे पदोन्नति के लिए पात्र शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और शासकीय कार्य भी प्रभावित होता है.
राज्य के कई विभागों में डीपीसी के बाद भी फाइलें धूल खाती रहती हैं.
छत्तीसगढ़ के सामान्य प्रशासन विभाग ने 15 जनवरी 2021 को जारी एक परिपत्र में पदोन्नति को लेकर होने वाली बैठकों और उसके बाद होने वाली देरी को लेकर भी चिंता जताई थी.
इस परिपत्र में कहा गया था कि यह भी देखने में आया है कि विभिन्न विभागों द्वारा विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की जाती है, किंतु बैठक का कार्यवाही विवरण जारी करने में अनावश्यक रुप से विलंब किया जाता है, जिससे अधिकारियों/कर्मचारियों का हित प्रभावित होता है.
लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के ऐसे परिपत्रों को भी वन विभाग ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
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