केंद्र की तरफ से अब किसी भी राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिल पाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर मुहर लगा दी है। केंद्र के इस ऐलान के बाद बिहार समेत अन्य गरीब राज्यों में राजनीतिक भूचाल आ गया है। बिहार में जदयू और राजद की महागठबंधन की सरकार केंद्र के इस फैसले का विरोध कर रही है। बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अगर गरीब राज्यों को केंद्र से विशेष सहायता नहीं मिली तो देश में क्षेत्रीय विषमताएं बढ़ना तय है।
दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में कहा कि वित्त आयोग ने केंद्र को एक सिफारिश की है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जाएगा। केंद्र अब किसी भी राज्य को विशेष दर्जे की मांग पर विचार नहीं करेगा।
विजय चौधरी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसा बयान कैसे दिया। जब नीति आयोग सबसे गरीब राज्यों को विशेष सहायता देने की बात करता है, तो केंद्रीय वित्त मंत्री की टिप्पणी निश्चित रूप से क्षेत्रीय असमानताओं को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार को सबसे अधिक विशेष वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार विशेष दर्जे का सबसे अधिक हकदार है। बिहार का विकास दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। बावजूद इसके यह देश के सबसे गरीब राज्यों में से एक है। विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नीति आयोग ने स्वीकार किया है कि पिछले एक दशक में बिहार ने कई क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है, लेकिन इसके कमजोर आधार के कारण इसे अन्य राज्यों की बराबरी करने में कुछ और समय लग सकता है। यही कारण है कि हम विशेष सहायता की मांग कर रहे हैं।
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