बिलासपुर। इस बार शिक्षक दिवस उन शिक्षकों के लिए काफी निराशाजनक होगा, जिन्होंने कई लाख खर्च कर अपनी मनपसंद जगह पर पोस्टिंग पाई और अब उसे एकतरफा रद्द कर दिया गया। उस पर बिलासपुर जिले के उन शिक्षकों के लिए दोहरा झटके जैसा है, जो अटैचमेंट पर माननीयों के पर्सनल असिस्टेंट के रूप में काम कर रहे थे। अलग-अलग दफ्तरों में अटैच थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने संभाग के 799 शिक्षकों का प्रमोशन रद्द करने का आदेश जारी किया और थोड़ी देर बाद कलेक्टर संजीव झा के एक फरमान ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी। जिले में दो सौ से ज्यादा शिक्षक माननीयों के पीए, राजस्व और शिक्षा विभाग के ही दफ्तरों में अटैच थे और 10 से 5 बजे तक बाबूगिरी कर रहे थे। हफ्ते में दो दिन की छुट्टी भी मिल रही थी। कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को आदेश जारी किया है कि वे गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों को तत्काल मूल संस्था के लिए रिलीव करें।
दरअसल, जिले में अभी भी कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पर एकमात्र शिक्षक के भरोसे तीन से पांच कक्षाएं हैं। पैसों का लेनदेन कर मनचाहे स्कूल में पोस्टिंग पाने वाले शिक्षकों के कारण पहले ही दूरदराज के स्कूलों में कमी थी, उस पर कई शिक्षक दूसरे काम में अटैच थे। अब इन्हें वापस आना होगा। विधानसभा चुनाव से पहले भी यह कवायद की जा रही है। ऐसे में सांसद-विधायक या मंत्री के यहां अटैच शिक्षकों को लौटना होगा।