नई दिल्ली| डेस्कः महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को माफी मांगी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपित शिवाजी महाराज मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए आराध्य देव हैं. पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, उसके लिए आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को महाराष्ट्र के पालघर में शिलान्यस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे.
इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के आशीर्वाद से ही मैंने राष्ट्रसेवा की एक नई यात्रा आरंभ की थी. भाजपा ने जब मुझे पहली बार 2013 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो मैंने रायगढ़ के किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारे संस्कार अलग हैं. हम वो लोग नहीं है जो इस देश के महान सपुतों का अपमान करें. इस धरती के लाल वीर सावरकर को अपशब्द कहने के बाद भी कुछ लोग हैं, जो मांफी मांगने को तैयार नहीं हैं. महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है.
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है.
इसे लेकर राज्य से लेकर केन्द्र तक सियासत गरमाई हुई है.
इस घटना के बाद से विपक्षी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घेरने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे थे.
इस मुद्दे को लेकर जगह-जगह धरना प्रदर्शन किया जा रहा था.
कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने तो केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए शिंदे सरकार से इस्तीफे की मांग की थी.
कांग्रेस ने कहा था कि क्या प्रधानमंत्री इसको लेकर माफी मांगेंगे.
इसके बाद दो दिन पहले उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सबसे पहले महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगी थी.
उसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी माफी मांगी थी.
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि विपक्ष के पास राजनीति करने के लिए और भी मुद्दे हैं.
महाराष्ट्र के भगवान शिवाजी महाराज को इससे दूर रखा जाना चाहिए.
वहीं इस मामले में आज ही पहली गिरफ्तारी भी हुई है.
कोल्हापुर से स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट को गिरफ्तार किया गया है.
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