ट्राई के सचिव वी रघुनंदन ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा, दूरसंचार नियामक ग्राहकों के सामने आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए डीएनडी एप की खामियों को दूर करने में जुटा हुआ है। इसके लिए हमने एक एजेंसी को अपने साथ जोड़ा है।
सभी एंड्रॉयड मोबाइल फोन पर ट्राई के डू-नॉट-डिस्टर्ब (डीएनडी) एप की सेवा अगले साल मार्च से मिलने लगेगी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) डीएनडी एप में मौजूद खामियां दूर करने में लगा हुआ है ताकि मोबाइलधारकों को अनचाही कॉल और संदेशों का तत्काल पता लगाने में मदद मिले।
ट्राई के सचिव वी रघुनंदन ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा, दूरसंचार नियामक ग्राहकों के सामने आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए डीएनडी एप की खामियों को दूर करने में जुटा हुआ है। इसके लिए हमने एक एजेंसी को अपने साथ जोड़ा है। हम मार्च तक इस एप को सभी एंड्रॉयड फोन के अनुकूल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
एपल का पहुंच देने से इन्कार
ट्राई सचिव ने कहा, एप में सुधार के साथ स्पैम कॉल व एसएमएस की संख्या में काफी कमी आई है। हालांकि, एपल ने डीएनडी एप को कॉल विवरण तक पहुंच देने से इन्कार कर दिया था। ट्रूकॉलर के सह-संस्थापक एलेन मामेदी ने कहा कि भारत में 27 करोड़ लोग इस एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके जरिये देश में प्रतिदिन करीब 50 लाख स्पैम कॉल की सूचना मिलती है। अब आवाज की क्लोनिंग या हेराफेरी के जरिये की जाने वाली गड़बड़ियों को चिह्नित करने की चुनौती आ गई है।
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