ऊर्जा विभाग ने इस मामले में यूपी लिफ्ट एंड एस्केलेटर का मसौदा किया तैयार। लिफ्ट या एस्केलेटर हादसे में अब सजा मिलेगी। 1 लाख तक का जुर्माना,3 महीने तक की सजा होगी। घरेलू लिफ्ट को छोड़कर अन्य सभी लिफ्ट में प्रशिक्षित ऑपरेटर रखना होगा अनिवार्य होगा। लिफ्ट लगाने वाली संस्था को करना होगा बीमा।
लिफ्ट के नए कानून को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मसौदा पेश किया जाएगा। देश के कई राज्यों में पहले से लिफ्ट एक्ट लागू है। बहुमंजिला भवन में लिफ्ट लगाने से पहले विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। लिफ्ट लगने के बाद निदेशालय की टीम करेगी सुरक्षा ऑडिट।
नोएडा के जेवर से बीजेपी विधायक धीरेंद्र सिंह ने इस मामले को सदन में उठाया है। उन्होंने भारत समाचार की रिपोर्टों का न सिर्फ संज्ञान लिया बल्कि इस का हवाला देते हुए कहा था कि लिफ्टों के संचालन व रख रखाव को लेकर एक एक्ट बनाने की जरूरत है। जिससे ऐसे हादसों को रोका जा सके। बीजेपी विधायक ने विधानसभा में कहा कि लिफ्ट हासदों का शिकार आम लोग न बने। इसके लिए लिफ्ट एक्ट की जरूरत है।
बीजेपी विधायक धीरेंद्र सिंह ने भारत समाचार की मुहिम से जुड़ते हुए… उन्होंने इस मुद्दे को सदन में और फिर सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने उठाया है। मामला संज्ञान में आने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधायक से कहा है कि जल्द ही इसे लेकर एक नियमावली और एक्ट को बनाकर लागू करवाया जाएगा। यही नहीं आने वाले दिनों में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण जब बिल्डरों को एनओसी दें तो उसमें लिफ्ट नियमावली का बखूबी ध्यान रखा जाएगा।
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