मुंबई| डेस्कः शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व पार्षद अभिषेक घोसालकर हत्याकांड की जांच अब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) करेगी.
शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है.
न्यायालय ने कहा है कि पुलिस ने इस मामले में कुछ पहलुओं की जांच ठीक से नहीं की है.
अदालत ने कहा कि ऐसी चूक जारी रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे न्याय में चूक हो सकती है.
शिवसेना नेता अभिषेक घोसालकर की आठ फरवरी को हत्या कर दी गई थी.
उस समय फेसबुक लाइव सत्र चल रहा था और वह अपने कार्यालय में बैठे हुए थे.
स्थानीय व्यवसायी और उनके राजनीतिक विरोधी मौरिस नोरोन्हा ने गोली मार दी थी.
इसके कुछ देर बाद ही नोरोन्हा ने भी खुद को गोली मार ली थी.
पुलिस जांच में यह पता चला था कि गोली नोरोन्हा के सुरक्षाकर्मी अमरेन्द्र सिंह की पिस्तौल से चलाई गई थी.
इसी आधार पर अमरेन्द्र को गिरफ्तार किया गय़ा था. फिलहाल वह जमानत पर बाहर है.
घोसालकर की पत्नी तेजस्वी घोसालकर पुलिस की शुरुआती जांच से संतुष्ट नहीं थी.
उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस श्याम चांडक की खंडपीठ से की थी.
न्यायालय ने तेजस्वी घोसालकर की याचिका स्वीकार करते हुए इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी है.
अदालत ने मुंबई पुलिस को दो सप्ताह के भीतर मामले के दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का भी आदेश दिया है.
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