सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनकर लड़कियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने संबंधी याचिका पर विचार करेगा। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिजाब पहनने वाली लड़कियों को 9 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा लेने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
वकील शादान फरासत ने कहा कि वह हेडस्कार्फ पहनती हैं और अगर छात्राएं इसे पहनेंगी तो उन्हें परीक्षा हॉल के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। वकील ने कहा कि केवल सीमित पहलू को ध्यान में रखते हुए अदालत इसे सोमवार या शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर विचार कर सकती है।
उन्होंने पीठ को बताया कि हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के कारण कुछ लड़कियां निजी संस्थानों में चली गई हैं, लेकिन उन्हें सरकारी संस्थानों में अपनी परीक्षा देनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो उनका एक और साल खराब हो सकता है।
वकील की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा मैं इस पर फैसला लूंगा। बता दें कि पिछले साल 13 अक्टूबर को विभाजित फैसले ने हिजाब विवाद के स्थायी समाधान को रोक दिया था, क्योंकि दोनों न्यायाधीशों ने मामले को अधिनिर्णय के लिए एक बड़ी पीठ के समक्ष रखने का सुझाव दिया था। अदालत ने पिछले महीने कहा था कि वह कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध से संबंधित मामले में फैसला सुनाने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने पर विचार करेगी।
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