रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में हेड कांस्टेबल की पत्नी और बेटी की हत्या के आरोप में पुलिस ने एनएसयूआई के ज़िलाध्यक्ष सीके चौधरी को भी गिरफ़्तार किया है.एक दिन पहले इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप साहू को गिरफ़्तार किया गया था.
बुधवार को पुलिस ने सूरजपुर में एनएसयूआई के अध्यक्ष चंद्रकांत चौधरी उर्फ सीके चौधरी को गिरफ़्तार किया. पुलिस ने इस हत्याकांड में चंद्रकांत के अलावा आर्यन विश्वकर्मा उर्फ गोल्डी, फूल सिंह उर्फ रिंकू सिंह और सूरज साहू को भी गिरफ़्तार किया.
इस गिरफ़्तारी से एक दिन पहले यानी मंगलवार को चंद्रकांत चौधरी ने आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार अनावश्यक रुप से इस मामले में एनएसयूआई को बदनाम कर रही है. चंद्रकांत चौधरी ने एक वीडियो में सफ़ाई दी थी कि कुलदीप साहू का एनएसयूआई से कोई लेना-देना नहीं है.
सरगुजा रेंज के आईजी अंकित गर्ग ने आरोपियों से आरंभिक पूछताछ के बाद बताया कि आरोपी कुलदीप साहू, सीके चौधरी और रिंकू सिंह सूरजपुर के हेड कॉन्स्टेबल तालिब शेख के घर गए थे. वहां इन तीनों ने हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और बेटी की सब्जी काटने वाले चाकू से मार डाला.
आईजी ने कहा कि दोनों के शरीर पर चाकू से कई वार किए जाने के निशान मिले हैं.
अंकित गर्ग ने कहा कि एक आरोपी सूरज साहू इन सभी आरोपियों को भगाने में शामिल था. इसी तरह पुलिस के सिपाही पर गर्म तेल फेंकने और पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश में कुलदीप साहू का सहयोग आर्यन विश्वकर्मा ऊर्फ गोल्डी ने किया था.
रविवार की देर रात सूरजपुर जिले में एक प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की तलवार से काटकर हत्या कर दी गई थी.
इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने हत्या के कथित आरोपी कुलदीप साहू के घर, गोदाम और गाड़ियों में आग लगा दी थी. इस के बाद से ही पूरे ज़िले में तनाव का वातावरण था.
गौरतलब है कि प्रधान आरक्षक तालिब शेख सूरजपुर के कोतवाली में पदस्थ हैं. वह रिंग रोड के पास किराए के मकान में अपनी पत्नी मेहू फ़ैज़ी और 16 साल की बेटी आलिया शेख के साथ रहते थे.
रविवार को देर रात वह नाइट पेट्रोलिंग से लौटे तो पूरे घर में खून फैला हुआ था. वहीं पत्नी और बेटी घर पर नहीं थी.उन्होंने तत्काल घटना की खबर कोतवाली थाने को दी.
सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी तालिब के घर पहुंचे. इसके बाद पुलिस ने लापता मां-बेटी की खोजबीन शुरू की.
रात में तो कुछ पता नहीं चला. सोमवार को सुबह दोनों की लाश सूरजपुर से 5 किलोमीटर दूर जूर-पीढ़ा मार्ग पर खेत में पड़ी हुई मिली.
बताया गया कि रविवार को दुर्गा विसर्जन से लौटते समय आरक्षक धनश्याम सोनवानी का आदतन अपराधी कुलदीप साहू से चौपाटी में विवाद हो गया था.
इसी दौरान कुलदीप साहू ने आरक्षक घनश्याम सोनवानी पर खौलता तेल डाल दिया था.
गंभीर रूप से झूलस जाने के कारण आरक्षक को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है.
इस वारदात के बाद पुलिस अधिकारियों ने कुलदीप को पकड़ने के निर्देश दिए थे. जिस पर तालिब शेख अन्य पुलिसकर्मियों के साथ कुलदीप साहू को ढूंढने निकले.
कुलदीप को देखते ही तालिब ने उसे पकड़ने की कोशिश की. इस पर कुलदीप ने तालिब के उपर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की.
इतना ही नहीं, उसे तलवार से काट देने की धमकी देते हुए भाग गया.
पुलिस के मुताबिक विवाद की शुरुआत चार दिन पहले शहनाज अख्तर के जगराता कार्यक्रम से हुआ.
कार्यक्रम देखते वक्त कुलदीप साहू के भाई संदीप साहू का नवापारा के कुछ लड़कों से विवाद हुआ था.
इस घटना के दो दिन बाद पुलिस संदीप साहू को उठाकर ले गई थी.
इसी बात को लेकर कुलदीप भड़का हुआ था. उसने पुलिस पर अपने भाई के साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए देख लेने की धमकी दी थी.
सोमवार को जैसे ही घटना की जानकारी नगरवासियों को हुई वे आक्रोशित हो गए और तालिब शेख के घर पहुंच गए.
देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ लग गई.
इसके बाद भीड़ रैली की शक्ल में कथित आरोपी कुलदीप के घर पहुंच गई और नारेबाजी करने लगी.
इस बीच भीड़ ने कुलदीप के घर और बाहर में खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. भीड़ ने घर में भी आग लगा दी.
उसके बाद आक्रोशित भीड़ ने सूरजपुर थाने का घेराव करते हुए चक्काजाम कर दिया.
हालांकि पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया था.
इसके बाद मंगलवार को पुलिस ने झारखंड के गढ़वा ज़िले के गोदरमाना से छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर आ रहे मुख्य आरोपी कुलदीप साहू को गिरफ़्तार करने का दावा किया था. पुलिस ने पहले ही आशंका व्यक्त की थी कि इस हत्याकांड में कुलदीप के अलावा दूसरे लोग भी शामिल हो सकते हैं.
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