वायनाड, 1 अगस्त (आईएएनएस)। केरल के वायनाड में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राहत कार्यों में आ रही दिक्कतों को देखते हुए भारतीय सेना ने एक बड़ा कदम उठाया। मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप (एमईजी) की टीम ने चूरलमाला और मुंडक्कै को जोड़ने वाले 190 फीट लंबे बेली पुल का निर्माण पूरा कर लिया है।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए. भारत भूषण बाबू ने बताया कि भारतीय सेना की दो महिला अधिकारियों, मेजर सीता शेल्के और मेजर अनीश ने फ्रंट से लीड करके अस्थायी 190 फुट लंबा बेली पुल का निर्माण कराया। उन्होंने भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के साथ मिलकर एक अस्थायी 190 फुट लंबा पुल का निर्माण किया है।
मेजर सीता शेल्के और मेजर अनीश ने अपनी बहादुरी और नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए इस पुल का निर्माण पूरा किया है। उनकी इस उपलब्धि ने महिला सशक्तीकरण और टीमवर्क की भावना को प्रदर्शित किया है। खराब मौसम, बढ़ता जलस्तर, मलबा, सीमित स्थान कई लोगों के लिए बचाव के लिए एक कठिन काम लगता है, लेकिन भारतीय सेना के लिए नहीं। मद्रास सैपर्स ने अदम्य साहस, कभी हार न मानने वाले रवैये और राहत कार्यों में सर्वोच्च प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड समय में 190 फीट बेली ब्रिज का निर्माण पूरा किया और बचाव कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद की।
यह पुल 24 टन वजनी वाहनों को सहन कर सकता है, जिससे राहत सामग्री और बचाव दल को पहुंचाने में मदद मिलेगी। सेना ने इस पुल को रिकॉर्ड समय में बनाया है, इस पुल के निर्माण से राहत कार्यों को और गति मिलेगी। भारतीय सेना के जवानों ने अपनी बहादुरी और समर्पण का परिचय देते हुए इस पुल का निर्माण पूरा किया है। उनकी इस उपलब्धि की सराहना की जा रही है।
–आईएएनएस
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