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सोशल मीडिया यूजर्स रहें सावधान, अपने फायदे के लिए ChatGPT का इस्तेमाल कर रहे साइबर ठग

OpenAI के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट ChatGPT का उपयोग करने के लिए आज ज्यादातर लोग उत्सुक हैं और साइबर जालसाज लोगों की इसी उत्सुकता का लाभ उठाकर उन्हें का ठगी शिकार बना सकते हैं. ऑनलाइन प्राइवेसी फर्म गार्डियो के मुताबिक, ऐसी ठगी के लिए साइबर जालसाज ‘क्विक एक्सेस टू ChatGPT’ नामक एक नकली ब्राउजर एक्सटेंशन का उपयोग करते हैं. पीड़ित इस एक्सटेंशन को डाउनलोड करते हैं और जालसाज इससे उनका वित्तीय और अन्य संवेदनशील डाटा की चोरी कर लेते हैं.

साइबर इंटेलीजेंस कंपनी क्लाउडसेक ने यह बात कही है. क्लाउडसेक की जांच में पता चला कि 13 फेसबुक पेज या खाते ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी फेसबुक विज्ञापन के जरिये मालवेयर फैलाने के लिए कर रहे हैं. इनमें भारतीय सामग्री वाले खाते या पेज भी शामिल हैं और इन सबके कुल पांच लाख से अधिक फॉलोअर हैं.

कंपनी में साइबर आसूचना विश्लेषक बबलू कुमार ने कहा, साइबर अपराधी चैटजीपीटी का फायदा उठा रहे हैं, वैध फेसबुक खातों का दुरुपयोग कर विज्ञापनों के जरिये मालवेयर फैला रहे हैं और फेसबुक के उपयोगकर्ताओं के व्यापक आधार का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. ये उपयोगर्ताओं की सुरक्षा को जोखिम में डाल रहे हैं. हमारी जांच में पता चला कि 13 पेज जिनके पांच लाख से अधिक फॉलोअर हैं उन्हें साइबर अपराधियों ने हड़प लिया.

OpenAI का हो रहा गलत इस्तेमाल

इतना ही नहीं, CloudSEK दावा करता है कि कम से कम 25 ऐसी वेबसाइटस हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ओपनएआई के नाम पर गलत कंटेंट से जुड़ी हैं. इस तरह की फेक वेबसाइट यूजर्स को पेज पर लैंड करवा कर हार्मफुल सॉफ्टवेयर डाउनलोड और इंस्टॉल करने के लिए लुभाती है. वहीं दूसरी ओर, सॉफ्टवेयर को डाउनलोड और इंस्टॉल करना यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी से जुड़ा होता है.

ऐसी ठगी से कैसे बचें?

साइबर जालसाज आपके फेसबुक अकाउंट, गूगल अकाउंट, वित्तीय और अन्य संवेदनशील डाटा की चोरी करके आपके साथ बड़ी ठगी कर सकते हैं, ऐसे में किसी भी एक्सटेंशन को डाऊनलोड करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच जरूर करें.
ChatGPT का उपयोग करने के लिए OpenAI की आधिकारिक वेबसाइट या अन्य विश्वसनीय माध्यमों का उपयोग करें.
किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक ना करें और समय-समय पर अपने सभी सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन अकाउंट का पासवर्ड बदलते रहें.

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