रोजाना वर्कआउट करना कितना जरूरी है, इस बात को हम भली-भांति जानते हैं, लेकिन एक दो सर्दियां और दूसरा ऑफिस जाने का चक्कर। जिसके चलते चाहकर भी वर्कआउट रूटीन फॉलो नहीं हो पाता। रोजाना खुद से यही प्रॉमिस करते हैं कि छुट्टी वाले दिन पूरेे हफ्ते की कसर निकालेंगे, लेकिन एक दिन में बॉडी पर हफ्तेभर का लोड डालना बिल्कुल भी सही तरीका नहीं होता। फिर भी कुछ न करने से बेहतर होगा थोड़ी देर ही सही खुद के लिए वक्त निकालें। आइए जानते हैं फिट रहने के टारगेट को कैसे कर सकते हैं पूरा।
काम करने वाले दिन में वर्कआउट के लिए समय निकालना मुश्किल हो रहा है, तो छुट्टी वाले दिन को फिक्स कर लें वर्कआउट के लिए, लेकिन अगर आप ऑफिस जाने वाले दिन में भी थोड़ा समय मैनेज कर सकते हैं, तो इससे अच्छी बात कोई हो ही नहीं सकती। उठने और फ्रेश होने के बाद कम से कम 30 मिनट कोई न कोई वर्कआउट जरूर करें। रस्सी कूदना, कार्डियो, साइकिलिंग, योग बेस्ट ऑप्शन्स हैं। हफ्ते में सातों दिनों वर्कआउट न करें बल्कि एक-दो दिन बॉडी को रेस्ट भी दें।
अपना टारगेट सेट करें। मतलब आपको पेट या कमर की चर्बी कम करनी है, स्टैमिना बढ़ानी है या मसल्स बनाने हैं…ऐसे लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ें। दिशा मिलने के बाद मंजिल तक पहुंचना आसान होता है। मतलब उस हिसाब से आप किस तरह की एक्सरसाइज को शामिल करें और कौन सी एक्सरसाइज नहीं करनी है ये तय कर पाएंगे। वेट लिफ्टिंग या बॉडी बिल्डिंग कर रहे हैं, तो पांच दिन काफी हैं। बॉडी लिफ्टिंग में मसल्स बनाने पर फोकस कर रहे हैं, तो रेस्ट और ज्यादा जरूरी हो जाता है वरना मसल्स पर इसका नेगेटिव असर पड़ता है।
मतलब इसमें टारगेट के हिसाब से एक्सरसाइज का चुनाव करना है। अगर आप वेट लॉस प्रोसेस में हैं, तो कार्डियो बहुत ही असरदार वर्कआउट है, लेकिन ऐसा नहीं है कि दिन का ज्यादातर समय इसमें बिताने पर आप हफ्ते भर में वजन कम कर लेंगे। कार्डियो के साथ योग का कॉम्बिनेशन चर्बी कम करने के साथ ही बॉडी की फ्लैक्सिबिलिटी भी बढ़ाएगा। एक और जिस जरूरी बात का ध्यान रखना है वो है धीरे-धीरे एक्सरसाइज के रिपीटिशन्स और सेट्स बढ़ाएं। एक ही दिन बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से बॉडी अगले दिन के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाती।
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