रायपुर। राजधानी के सर्किट हाउस में आज खनिज विभाग के अधिकारियों सहित देश भर से आए खनन से जुड़े सार्वजनिक उद्यम एवं निजी कंपनियों के प्रतिनिधि जुटे जिसमें छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों तथा उनके संभावनाओं पर मंथन किया गया। यह मौका था खनिज संसाधन विभाग एवं संचालनालय भौमिकी तथा खनिजकर्म द्वारा आयोजित स्टेक होल्डर्स कॉन्फ्रेंस का। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि छत्तीसगढ़ में रेयर अर्थ एलिमेंट्स, लीथियम और गोल्ड जैसे हाई वेल्यू मिनरल्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, जिनके खनन एवं दोहन से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही राजस्व की प्राप्ति होगी। खनिज संसाधन विभाग एवं संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म के निदेशक श्री जे.पी. मौर्य ने बताया कि खनिज विभाग में जल्द ही एक सेल का गठन किया जाएगा। जिसके द्वारा निवेशकों को छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधन, संभावनाएं और खनन प्रक्रियाओं के संबंध में जानकारी दी जाएगी।
कॉन्फ्रेंस में खनिज ब्लॉकों की नीलामी तथा राज्य में उपलब्ध हाई वेल्यू मिनरल के अन्वेषण के संबंध में रणनीति पर विचार किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश के विभिन्न भागों से आए निवेशकों को छत्तीसगढ़ मेें खनन क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया गया और यह आश्वस्त किया गया कि उन्हें छत्तीसगढ़ में आधारभूत संरचना सहित आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेंगी।
स्टेक होल्डर्स कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ खनिज संसाधन विभाग एवं संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म के निदेशक जे.पी. मौर्य ने किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है जहां पर प्रचुर मात्रा में खनिज संसाधन हैं। देश की अर्थव्यवस्था में हमारे प्रदेश का प्रमुख योगदान है। उन्होंने बताया कि सतत विकास की अवधारणा को फलीभूत किया जाना इस बात पर निर्भर करता है कि हम खनिज संसाधनों का उपयोग इस प्रकार से करें कि उनका दोहन उपयुक्त तरीके से हो। हमारा आयात न्यूनतम हो तथा निर्यात की पर्याप्त संभावना हो। साथ ही खनन प्रक्रिया पर्यावरण अनुकूलता तथा खनिज संरक्षण को ध्यान में रखकर किया जाए।
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक अमरनाथ प्रसाद, जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उप संचालक पार्थो दत्ता, वित्त विभाग की विशेष सचिव शीतल शाश्वत वर्मा, खनिज विभाग के उप संचालक महिलपाल सिंह, यू.के. कुरेशी, हरिश ध्रुव, संजय खरे, अंजू सिंग, सीमा चौबे, उप संचालक प्राची अवस्थी तथा सार्वजनिक उपक्रम सहित निजी खनन कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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