रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज ज़िले के बलंगी पुलिस चौकी इलाके में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले 10 साल के बच्चे का सर कटा शव मिला है. बच्चा पिछले 5 दिनों से लापता था.
आरंभिक तौर पर बच्चे की कथित बलि देने की आशंका जताई जा रही है.
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों में कथित रुप से बलि दिए जाने के कई मामले सामने आए हैं.
पुलिस के अनुसार तोरफा गांव का रहने वाले अशोक पाल का दस साल का बेटा बृजेश कुमार पाल, 2 सितंबर की शाम से लापता था. शाम को वह घर के बाहर खेल रहा था. लेकिन उसके बाद उसका पता नहीं चल पा रहा था.
परिजनों ने सब तरफ़ तलाश करने के बाद उसके लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज़ कराई थी.
इसके बाद अब जा कर बृजेश का शव, घर से लगभग 500 मीटर दूर मोरन नदी के किनारे मिला. बृजेश की गला काट कर हत्या की गई थी.
आरंभिक तौर पर ग्रामीण इसे कथित बलि का मामला मान कर चल रहे हैं. लेकिन पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
शनिवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी से लगे हुए धरसींवा के निनवा गांव में 55 साल के एक अधेड़ ने अपने घर के पूजास्थल में अपनी गर्दन काट कर जान दे दी थी. परिजनों का कहना है कि मृतक बेहद धार्मिक प्रवृत्ति का था.
पुलिस के अनुसार निनवा गांव के 55 वर्षीय भुवनेश्वर यादव ने शनिवार की सुबह, घर के देवस्थान के सामने कैंची से अपनी गर्दन काट कर जान दे दी. जिस समय यह घटना हुई, उस समय घर में कोई और सदस्य उपस्थित नहीं था.
परिवार के सदस्य जब घर पहुंचे तो भुवनेश्वर की मौत हो चुकी थी. परिजनों ने इसके बाद पुलिस को ख़बर दी.
ताज़ा घटना जिस बलरामपुर ज़िले में हुई है, उसी ज़िले के शंकरगढ़ में महुआडीह के रहने वाले 26 साल के कमलेश नगेशिया ने कथित रुप से देवी को खुश करने के लिए पहले घर के आंगन में एक मुर्गे की बलि दी.
उसके बाद अपने बड़े बेटे की गरदन रेत कर हत्या कर दी.
घर वालों का कहना था कि तंत्र-मंत्र के चक्कर में उसकी मानसिक स्थिति ख़राब थी.
यह घटना इस साल मई की है.
इसी साल अप्रेल के महीने में ही कोरिया ज़िले में बलि का एक मामला सामने आया था.
पुलिस के अनुसार 19 अप्रैल 2024 की सुबह पटना में 21 साल के सानू पनिका उर्फ धनेश्वर का शव मिला था. खोड गांव के पंडोपारा के रहने वाला सानू अपनी बुआ के घर में रह रहा था.
पुलिस के अनुसार सानू की बुआ अमरावती और फूफा बजरंग, पिछले 12 सालों से नवरात्रि की पूजा कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें किसी ने बलि देने के लिए कहा.
आरोप है कि बुआ अमरावती ने रात को छत पर सो रहे अपने भतीजे सानू के बाल काटे तो सानू ने इसका विरोध किया. इसके बाद बुआ और फूफा ने सानू को मार डाला.
छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास के चक्कर में जान गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में जादू-टोना के शक़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी. मारे जाने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल थीं.
घटना कोंटा के कोइलीबेड़ा इलाके के एतकल गांव में हुई थी. जहां गांव वालों ने जादू टोना के शक़ में, एकजुट हो कर हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया था.
मारे जाने वालों में मौसम कन्ना पिता लच्छा उम्र 60 वर्ष, मौसम बुच्चा पिता मौसम कन्ना उम्र 34 वर्ष, श्रीमती मौसम बिरी पति मौसम कन्ना, श्रीमती करका लच्छी पति करका लच्छा उम्र 43 वर्ष और श्रीमती मौसम अरजो पति मौसम बुच्चा उम्र 32 वर्ष शामिल थे.
पिछले ही महीने बलौदा बाज़ार के कसडोल से लगे छरछेद गांव में जादू टोना के शक़ में 4 लोगों की हत्या कर दी गई थी.
पुलिस के अनुसार गांव के रामनाथ पाटले के परिवार में एक बच्चे की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी. परिवार को शक था कि पड़ोस में रहने वाले चेतराम के परिवार ने ही जादू-टोना किया है.
इसी शक के चलते पूरे परिवार की हत्या करने के लिए पाटले परिवार के सदस्य पहुंचे. घर में चेतराम केंवट, उनकी दो बहनें यशोदा बाई, जमुना बाई और चेतराम का दुधमुंहा भांजा एक साथ बैठे थे.
आरोपियों ने चारों पर कुल्हाड़ी और हथौड़े से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. इस हमले में चारों लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी.
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