जाने माने चिंतक केएन गोविंदाचार्य गंगा की निर्मलता, अविरलता और जल संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता के प्रसार के लिए 11 अक्टूबर से गंगा संवाद यात्रा शुरू करेंगे। गोविंदाचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि वह उत्तर प्रदेश के नरौरा (बुलंदशहर) से गंगा संवाद यात्रा की शुरुआत करेंगे और यह यात्रा 30 नवंबर को कानपुर के बिठूर में समाप्त होगी।
उन्होंने कहा कि गंगा और गोवंश के प्रति लोगों में भावनात्मक लगाव तो है, लेकिन जिम्मेदारी का भाव शून्य होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अपने कर्तव्यबोध को समझने की जरूरत है। सरकार और समाज के साझा प्रयास से गंगा और गोवंश दोनों का संरक्षण संभव है।
गोविंदचार्य ने कहा कि नरौरा में गंगा की अविरलता बाधित होनी शुरू होती है जो प्रदूषण को बढ़ाती हुई कानपुर के पास नदी की समस्या को विकराल बना देती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणविद् जी.डी. अग्रवाल ने गंगा के लिए अनशन किया और गंगा के लिए ही 11 अक्टूबर 2018 को उन्होंने प्राण त्याग दिये। इसी को ध्यान में रखते हुए यह यात्रा 11 अक्टूबर से शुरू करने का कार्यक्रम है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर अभी तक के कुछ कार्य आशा एवं उत्साह जगाने वाले हैं किन्तु फिर भी सम्पूर्णता और गंभीरता से हमें गंगा की समस्या के समाधान के बारे में पुनरीक्षण करना होगा। इसी उद्देश्य से वह गंगा संवाद यात्रा शुरू कर रहे हैं।