03, April, 2025 | रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने 117 साल पुराने रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 में ऐतिहासिक संशोधन किया है, जिससे फर्जी रजिस्ट्री के मामलों में अब वर्षों तक कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यदि कोई व्यक्ति जाली दस्तावेजों के आधार पर या किसी दूसरे व्यक्ति को पेश कर फर्जी रजिस्ट्री करवाता है, तो पंजीयन महानिरीक्षक (IG रजिस्ट्री) को इसे तुरंत रद्द करने का अधिकार मिलेगा। पहले ऐसे मामलों में कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता था, जहां फैसले में लंबा समय लग जाता था और तब तक फर्जी रजिस्ट्री वैध बनी रहती थी। लेकिन अब सरकार के इस संशोधन से फर्जीवाड़े पर सीधे अंकुश लगेगा।
कलेक्टर कर सकते हैं सिफारिश, IG ले सकेंगे बड़ा फैसला
संशोधन के तहत, यदि किसी सरकारी जमीन या सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्ति को गलत तरीके से रजिस्ट्री कराकर बेच दिया गया है, तो जिला कलेक्टर जांच के बाद इस रजिस्ट्री को रद्द करने की सिफारिश कर सकते हैं। इसके बाद पंजीयन महानिरीक्षक (IG रजिस्ट्री) या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत प्राधिकारी इस फर्जी रजिस्ट्री को निरस्त करने का फैसला ले सकेंगे।
IG के आदेश के खिलाफ अपील का मौका
यदि किसी व्यक्ति की रजिस्ट्री IG द्वारा निरस्त की जाती है और वह इससे असहमत है, तो उसे अपील का अधिकार मिलेगा। ऐसे व्यक्ति को आदेश मिलने के 30 दिनों के भीतर पंजीयन विभाग के सचिव के समक्ष अपील करनी होगी। सचिव इस अपील पर विचार कर सकते हैं और आदेश की पुष्टि, संशोधन या रद्द करने का निर्णय ले सकते हैं।
कैसे रद्द होगी फर्जी रजिस्ट्री?
संशोधित अधिनियम के तहत, यदि जांच में यह पाया जाता है कि—
तो ऐसी स्थिति में IG रजिस्ट्री या अधिकृत प्राधिकारी फर्जी दस्तावेज को तुरंत रद्द कर सकते हैं।
अब आसानी से रद्द होंगी फर्जी रजिस्ट्रियां
संशोधन के तहत, यदि कोई पंजीकृत दस्तावेज फर्जी तरीके से बना है और यह किसी व्यक्ति या संस्था के हितों के खिलाफ है, तो उसे निरस्त करने के लिए सम्बंधित व्यक्ति, लोक प्राधिकरण या IG खुद पहल कर सकते हैं। सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर फर्जी रजिस्ट्रियों को तुरंत रद्द करने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है।
यह संशोधन छत्तीसगढ़ में भूमि घोटालों और रजिस्ट्री से जुड़े फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे आम जनता को न्याय मिलने में तेजी आएगी और वर्षों तक कोर्ट के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।