डोंगरगढ़—वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति पर बेजा कब्जाधारियों को हटाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति पर अनाधिकृत रूप से काबिज लोगों में हड़कम्प मच गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में जब से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज गुलाम मिनहाजुद्दीन और उनकी नई टीम की ताजपोशी हुई है। तब से वक्फ बोर्ड में अच्छे फैसले आने लगे हैं। वर्षों पुराने लंबित मामलों का निराकरण तेजी से किया जाने लगा है। इसी कड़ी में एक बड़ा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने भी सुना दिया है।
हालांकि इसके पहले वक्फ बोर्ड ने संस्था जामा मस्जिद डोंगरगढ़ की वक्फ संपत्ति की 4 दुकानों से कब्जा हटाने का आदेश जनरैल सिंह कक्कड़ को दिया था। आदेश के खिलाफ मामला वक्फ अधिकरण में चला। वक्फ अधिकरण ने भी वक्फ बोर्ड के आदेश को सही माना। मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट गया । न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी ने कब्जाधारी को कोई राहत नही देते हुए 45 दिनों के भीतर चारो दुकानों को संस्था के सुपुर्द करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट के आदेश को जनरैल सिंह कक्कड़ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सभी दुकानों से कब्जा हटाकर जामा मस्जिद डोंगरगढ़ को वापस करने को आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश हेमा कोहली ने बेज़ाक़ब्जधारी जनरैल सिंह कक्कड़ की एसएलपी को खारिज कर दिया। साथ ही निर्धारित अवधि में सभी 4 दुकानों से कब्जा हटाने को भी कहा।
बीते महीनों के लंबित किराये को भी अदा करने का कोर्ट ने निर्दश दिया। हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से आये फैसले से बेजाकब्जाधारियों की होश उड़ गयी है।