आरएसएस (RSS) पदाधिकारी की अंकिता और उसके माता-पिता पर की गई अभद्र टिप्पणी से जनाक्रोश भड़क गया है। बुधवार को भारी संख्या में एकत्रित हुए ग्रामीणों ने रायवाला थाने का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि अपमानजनक टिप्पणी करने वाले आरएसएस पदाधिकारी पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए।
इस दौरान थाना प्रभारी के खिलाफ भी नारेबारी कर विरोध किया। आरोप लगाया कि पुलिस आरएसएस पदाधिकारी को शह दे रहे हैं। इस दौरान हाईवे पर सांकेतिक जाम भी लगाया गया, जिससे दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख विपिन कर्णवाल की ओर से दिवंगत अंकिता भंडारी के परिवार पर की गई अभद्र टिप्पणी से सोशल मीडिया पर घमासान मच गया।
लोग आरएसएस नेता की टिप्पणी पर भड़क गए और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई। विरोध के बीच आरएसएस नेता ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी। उन्होंने अपनी सफाई में एक वीडियो डाला, जिसमें अंकिता के पिता पर अभद्र नारे-टिप्पणी करते हुए दिखाया गया है। कर्णवाल के बयान से संघ पदाधिकारियों की स्थिति भी असहज हो गई। संघ नेता के खिलाफ अलग-अलग थानों में तहरीर देकर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।
कर्णवाल संघ में हरिद्वार, रुड़की व ऋषिकेश के विभाग प्रचार प्रमुख हैं। मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा-जो बाप और भाई 19 साल की लड़की की कमाई खाता हो और बाद में लड़की की लाश भी बेच दे, उसके लिए क्या चिल्लाना। सबसे बड़ा गुनहगार तो लड़की का बाप है।
उन्होंने इसके अलावा भी अभद्र-आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली, उसे यहां लिखा नहीं जा सकता। जैसे ही उन्होंने इसे पोस्ट किया,उसके कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर इस टिप्पणी का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। लोगों ने तीखा विरोध जताया। संघ भी कई लोगों के निशाने पर आ गया।
लोगों ने इस टिप्पणी को उत्तराखंड की संस्कृति के खिलाफ बताया। कर्णवाल की संघ के बड़े पदाधिकारियों के साथ फोटो वायरल होने लगी। सूत्र बताते हैं कि संघ के पदाधिकारियों ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए कर्णवाल को फटकार लगाई। इसके बाद कर्णवाल ने इस पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा लिया