रायपुर, 8 अक्टूबर 2022/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज महासमुंद जिले के बसना विकासखंड के गढ़फुलझर में आयोजित बाबा बिशासहे कुल कोलता समाज के वार्षिक स्नेह सम्मेलन व बंधु मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके साथ छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण और गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू तथा नगरीय प्रशासन विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया भी थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रामचंडी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने कोलता समाज को बधाई देते हुए कहा कि यह एक ऐसा समाज है, जो एक बड़े वर्ग को अपने साथ लेकर चलता है।
यह समाज भारतीय समाज, संस्कृति एवं परंपरा को लेकर चलने वाला समाज है, क्योंकि इस समाज के अधिकांश लोग खेती-किसानी करने वाले लोग हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान गढ़फुलझर स्थित रामचंडी मंदिर स्थल को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने, सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा, मंगल भवन, सार्वजनिक शौचालय तथा सरोवरों के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा की संस्कृति प्राचीन संस्कृति है और छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से इस राज्य से जुड़ा है। दोनों प्रदेश के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। दोनों के अचार-विचार मिलते हैं।
एक दूसरे की भाषा के साथ अब छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से अग्रेजी भी सीखेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री को पडोसी राज्य ओडिशा के पारंपरिक व्यंजन अरसापिठा से तौला गया।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अन्य स्थलों के साथ-साथ रामचण्डी मंदिर के स्थल को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार गाँव के विकास और किसानों के लिए लाभकारी योजनाएं लायी है। किसानों का ऋण माफ़ किया।
इनके हित में गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का संचालन किया जा रहा है। सरकार सभी वर्गों के हित को ध्यान में रखकर काम कर रही है।
कोलता समाज के अध्यक्ष श्री हरीचरण प्रधान ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विनोद चंद्राकर, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र बहादुर सिंह, लोकसभा सांसद श्री चुन्नीलाल साहू, विधायक खल्लारी श्री द्वारिकाधीश यादव, विधायक सरायपाली श्री किस्मत लाल नंद, अध्यक्ष ज़िला पंचायत श्रीमती ऊषा पटेल, कोलता समाज के पदाधिकारी, समाज के लोग और जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।